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: पशु पालक सुबेह 8 से शाम 5 बजे तक ही पशुओं को लाऐं
: वाहन में लाऐ जा रहे पशुओं का पशु पालकों के पास लिखित में हुलिया होना चाहिए
: गोतस्करी के नाम पर कुछ लोग मेवात के बदनाम कर रहे
: मेवात इलाका देश भक्ति के लिए जाना जाता है।
यूनुस अलवी
मेवात : राजस्थान और हरियाणा में गोरक्षा के नाम पर मारे गऐ लोगों के मामले और गोतस्करों पर नकेल कसने के मुद्दे को लेकर मंगलवार को जमीयत उलेमा हिन्द के राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और चंदीगढ के अध्यक्ष और पदाधिकारियों की अलवर के स्वागत गार्डन में एक अहमद बेठक बुलाई गई। बेठक में जमीयत उलेमा हिंद राजस्थान के सदर मोलाना कारी अमीन पोकरन वे जमियत नोर्थ जोन के सदर मोलाना याहया करीमी की अगुवाई में फैंसला लिया गया कि आगामी फरवरी के पहले सप्ताह में अलवर में जमियत का बडी जलसा होगा।
जमियत उलमा हिंद की नोर्थ जोन के सदर मोलाना याहया करीमी, मोलाना साबिर कासमी ने बताया कि गोतस्करी और गोरक्षा के नाम पर अकेले राजस्थान और हरियाणा में एक दर्जन से अधिक लोगों की जाने जा चुकी हैं। गोरक्षा के नाम पर गोपालकों की हत्या की जा रही है। उन्होने कहा कि मेवात (राजस्थान-हरियाणा) इलाका हमेशा की गोपालक और पशुपालक रहा है। यहां के लोगों की रोजी रोटी पशुपालन और पशु व्यापार से जुडी हुई है लेकिन गोतस्करी के नाम पर एक समाज के लोग मेवात के बदनाम और निर्दोश लोगों की हत्या कर रहे हैं। उनका कहना है कि जिन पशुपालकों की गोरक्षा के नाम पर हत्या की गई है उनको इंसाफ दिलाने के लिए जमियत सुप्रिम कोर्ट तक लडाई लडेगा। उन्होने यह भी कहा कि अगर जमियत की जांच में कोई आदमी पशुपालक की जगह गोतस्कर पाया गया तो जमियत उसके खिलाफ रहेगी।
उन्होने कहा कि बेठक में यह भी फैंसला लिया गया है कोई भी गोपालक गाय, भैंस, बकरी आदि पशु मेले या गांव से खरीद कर लाता है तो वह रात की बजाऐ दिन के उजाला यानि सुबेह आठ बजे से शाम पांच बजे तक ही पशुओ को जाऐं-ले जाऐं। अगर कोई रात के समय ले जाऐगा उसके साथ कोई हादसा हुआ तो जमियत उसके साथ खडी नहीं होगी उसे पशुपालक नहीं बल्कि गोतस्कर ही समझा जाऐगा। उन्होने बताया कि जमियत की ब्लोक स्तर पर बनी हुई कमेठी गोतस्करी से जुडे लोगों की पहचान करेगी और उनसे गोकसी छोड किसी रोजगार में जुडने का आहवान किया जाऐगा।
बेठक में जमीयत उलेमा हिन्द के राष्ट्रीय महासचिव मोलाना हकिमुददीन कासमी, मोलाना हनीफ मननाका, मोलाना याहया करीमी, मोलाना हकिमुददीन कासमी, मोलाना कारी अमीन पोकरन, हाफिज मनजूर जयपूर, मोलाना शब्बीर, मोलाना यूनुस सीकर, मुफ्ती अमजद अलवर, मोलाना ईसहाक अलवर, मोलाना कयामुददीन, शफात मेनेजर, मोलाना साबिर कासमी, मुफ्ती सलीम अहमद साकरस, मोलाना इस्हाक़, मोलाना तैयब कंसाली, मोलाना मजीद सिंगार, मोलाना अबदुल रहमान, मोलाना रमजान सहित काफी उलेमा मौजूद थे।