नई दिल्ली : रेलमंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को यह कह कर सबको चौंका दिया कि हवाई जहाज की तरह ट्रेन के टिकटों में भी छूट के साथ डायनामिक मूल्य निर्धारण मॉडल पर विचार किया जा रहा है। रेलवे की ओर से आयोजित एक दिवसीय संपर्क-समन्वय-संवाद के दौरान पत्रकारों से बातचीत में गोयल ने कहा कि रेल मंत्रालय , डायनामिक मूल्य निर्धारण के तहत एक मॉडल का अध्ययन कर रहा है जिसमें रेल टिकटों पर भी उसी तरह छूट देंगे, जिस तरह हवाई टिकटों में दी जाती है। उन्होंने कहा कि फ्लेक्सी फेयर का मतलब रेल टिकटों की कीमतों में सिर्फ वृद्धि ही क्यों हो ?
रेलमंत्री का कहना था कि विमानों व होटलों में जिस प्रकार किसी को अंतिम क्षण में टिकट बुक करते समय छूट मिलती है, उसी प्रकार कम यात्री वाले रेल मार्गों पर ट्रेन के टिकटों में भी छूट होनी चाहिए। गोयल ने कहा कि इस संभावना पर विचार किया जा रहा है । चूंकि रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी एयर इंडिया से आए हैं, इसलिए वह इसका अध्ययन कर रहे हैं।’’
रेलमंत्री ने कहा कि 2018 में यात्री सुरक्षा पर खास तौर पर ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम अपने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध हैं . हम ट्रेनों में इंटरनेट कनेक्टिविटी और सीसीटीवी मुहैया करवाने पर भी विचार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पूरे भारत में सभी ट्रेनों में सीसीटीवी लगाने पर विचार-विमर्श चल रहा है। रेलवे सभी स्टेशनों पर वाईफाई की सुविधा देगी।
रेल परिसंपत्तियों की पूरी क्षमता का उपयोग करने के संबंध में रेलमंत्री ने कहा कि उनका इरादा एयरलाइन की तरह रेलवे की परिसंपत्तियों का इस्तेमाल करना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि एयरलाइनों में हम देखते हैं कि विमान का रखरखाव कार्य 30 मिनट में पूरा हो जाता है और वह अगली यात्रा के लिए तैयार रहता है। इस प्रकार हम रेलवे रैकों को पूरी तरह उपयोग में लाना चाहते हैं।
रेलमंत्री ने उदाहरण देते हुए स्पष्ट किया कि अगर 11 घंटे की यात्रा के बाद राजधानी मुंबई पहुंचती है तो रैक को 22 टीमें मिलकर 30 मिनट में दूसरी यात्रा के लिए तैयार कर सकती हैं। मुंबई से राजधानी की वापसी के समय के बीच दो-तीन घंटे के लिए उस रैक का उपयोग किया जा सकता है।