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गुरुग्राम,15 दिसंबर। भूकंप आने की स्थिति में तैयारियो का जायजा लेने के लिए हरियाणा प्रदेश के सभी जिलों में आगमी 21 दिसंबर को होने वाली मेगा मॉक ड्रिल को लेकर गुरुग्राम के हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान(हिपा) में आज इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम के बारे में मंडलस्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से आए सीनियर कंसल्टेंट ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह ने अधिकारियों को आपदा प्रबंधन के समय उनके उत्तरदायित्वों से अवगत करवाया।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम अब तक प्रदेश के अंबाला, करनाल, हिसार, रोहतक , फरीदाबाद मंडलों में आयोजित किया जा चुका है। मॉक ड्रिल से पहले गुरुग्राम मंडल में आज यह अंतिम प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में गुरुग्राम महानगर विकास प्रधिकरण के अतिरिक्त मुख्यकार्यकारी अधिकारी एवं नगर निगम आयुक्त वी.उमाशंकर, गुरुग्राम के मंडलायुक्त डा. डी सुरेश, उपायुक्त विनय प्रताप सिंह, हुडा प्रशासक यशपाल यादव, हिपा के निदेशक जी. प्रसन्ना कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में गुरुग्राम के मंडलायुक्त डा. डी सुरेश ने कहा कि आपदा के समय यदि सभी वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर विभिन्न विभागों के अंतिम व्यक्ति को अपने उत्तरदायित्वों के बारे में पता होगा तो आपदा प्रबंधन करना आसान हो जाएगा। ऐसे समय में संचार माध्यम काम करना बंद कर देते है और हो सकता है कि ऐसी स्थिति में वे एक-दूसरे से संपर्क करने में सक्षम ना हो। लेकिन एक-दूसरे से बिना संपर्क किए भी यदि व्यक्ति को अपने उत्तरदायित्वों का पता होगा तो लोगों को सुविधा होगी।
उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने इस अवसर पर कहा कि पूरे प्रदेश में 21 दिसंबर को मेगा मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। इससे पहले जरूरी है कि सभी विभाग अपने उत्तरदायित्वों को भली प्रकार से समझ लें। उन्होंने एमरजेंसी आप्रेशन सैंटर (ईओसी) के बारे मे विस्तार से जानकारी दी और कहा कि एमरजेंसी आप्रेशन सैंटर पूरी तरह से सभी उपकरणों से सुसीज्जत होने चाहिए जिसमें कम्युनिकेशन इच्ीपमेंट हो और यह सैंटर 19 दिसंबर से फंक्शनल होना चाहिए। इसके अलावा, रिसोर्स मोबाइलाइजेशन एक अन्य महत्वपूर्ण बिंदु है जिसे हम तब मोबिलाइज कर पाएंगे जब हमें पता होगा कि हमारे पास क्या-क्या रिसोर्सिज है। उन्होंने संबंधित अधिकारी से कहा कि वे रिसोर्स इंवेटंरी बना ले । यह रिसोर्स इंवेटंरी ईओसी में रखी जाएगी। इसके अलावा, इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम के मुताबिक टीम का गठन किया जाएगा। इसलिए जरूरी है कि प्रत्येक अधिकारी अपने उत्तदायित्वों को ठीक प्रकार से समझ लें। उन्होंने स्टेजिंग एरिया के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मेगा मॉक ड्रिल में क्राऊड मैनजमेंट एक महत्वपूर्ण बिंदु है इसलिए जरूरी है कि पुलिस इन्हें नियंत्रित करें और ध्यान रखें कि उन्हें किसी प्रकार की हानि ना पहुंचे। ऐसी स्थिति में स्टेज्जिग ऐरिया में पब्लिक एड्रेस सिस्टम अवश्य रखें। उन्होंने अधिकारियो से कहा कि वे मॉक ड्रिल में मोबाइल का इस्तेमाल ना करें क्योंकि आपदा के समय मोबाइल सेवा बंद हो जाती है इसलिए वायरलैस डिवाइस का ही इस्तेमाल करें।
इससे पूर्व, नगर निगम के आयुक्त एवं गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी वी. उमाशंकर ने आपदा प्रबंधन को लेकर अपने अनुभवों को सांझा किया। उन्होंने कहा कि आपदा के समय हम संसाधनो को कैसे इक्टठा कर आपदा प्रबंधन कर सकते है, इस पर हमें काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भूकंप के समय समाज के हर व्यक्ति को यह पता होना चाहिए कि उसे कैसे स्वयं को बचाना है तथा दुसरे व्यक्तियों की मद्द करनी है, क्योकि आपदा में सबसे पहले नजदीक वाले व्यक्ति ही मदद के लिए पहुंच पाते है। उन्होंने कहा कि इसके लिए जन जागृति जरुरी है। उन्होंने कहा कि आपदा के समय हमें किस तरह से काम करना है, और किस व्यक्ति की क्या जिम्मेदारी है, का पता होना अत्यंत आवश्यक है।
इस अवसर पर हिपा के महानिदेशक जी. प्रसन्ना कुमार ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में आए सभी अधिकारियों से कहा कि वे इस दौरान पूरी सतर्कता बरते और इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम के तहत दी जाने वाली जानकारी को ध्यान से सुने ताकि इसके उद्द्ेश्य को सफल किया जा सके। उन्होंने कहा कि इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम हमे नई परिस्थितियों को भी हैंडल करना सिखाता है।
इस मौके पर ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह ने बताया कि आपदा से निपटने के लिए संयम और आत्मविश्वास की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि आपदा बिना बताए , बिना अनुमति के आती हैं। संकट की घड़ी में हम सभी को मिलकर एक इकाई के रूप में काम करते हुए जान-माल का बचाव करना चाहिए। यह हमारे कत्र्तव्य के साथ साथ मानवता के लिए भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि आपदा के समय हर अधिकारी व कर्मचारी को अपने क्षेत्र में उपलब्ध संसाधनो के बारे में जानकारी होनी चाहिए ताकि आपदा के समय वह उनका अच्छे तरीके से इस्तेमाल कर सके। आपदा के समय सभी को अपनी जिम्मेदारी आपदा प्रबंधन कानून के मुताबिक समझ लेनी चाहिए। जब हमे पता होगा कि संकट के समय लोगों को राहत पहुचाने के लिए हमे किस प्रकार की मशीनरी तथा उपकरणों की आवश्यकता है। तभी हम प्रभावी बचाव अभियान चला सकेंगे। उन्होंने बताया कि 21 दिसंबर को मेगा मॉक ड्रिल की जाएगी , इस दिन अधिकारियों व कर्मचारियों को इस प्रकार से अभ्यास करवाया जाएगा जैसा उनसे वास्तव में आपदा की स्थिति में कैसे काम करना है।