दंगा में दुकानों को होने वाले नुकसान की भरपाई के नियम में किया बदलाव

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चंडीगढ़, 7 नवम्बर:  हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के नगर निगम, नगर परिषद, नगरपालिका में दुकान मालिकों को नुकसान होने की स्थिति में दिए जाने वाले मुआवजे के लिए क्षेत्रफल की शर्त को एक समान करने के साथ-साथ दंगा होने की स्थिति में भी मुआवजा देने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। इन नियमों में बदलाव से अब छोटे दुकानदारों का आर्थिक संरक्षण का दायरा बढ़ जाएगा।

इस संबंध में जानकारी देते हुए हरियाणा की शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन ने बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश की पालिकाओं में छोटे दुकानदारों, रेहडी वालों, फडी वालों व खोखा मालिकों को होने वाले नुकसान की स्थिति में दशकों से चली आ रही तकनीकी अड़चनों को दूर करते हुए अधिक  से अधिक लोगों को इसके दायरे में ला दिया है। 

उन्होंने बताया कि पालिकाओं में छोटे दुकानदारों को नुकसान का मुआवजा देने को लेकर कई तकनीकी अड़चनें थी, जिसके चलते अधिक से अधिक दुकानदार नुकसान की स्थिति में मुआवजा पाने की प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बन पा रहे थे, जिसपर संज्ञान लेते हुए उन्होंने एक प्रस्ताव मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भेजा था। इस पर गंभीरता से विचार करते हुए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने व्यवहारिक बदलावों को मंजूरी प्रदान कर दी है।  

उन्होंने बताया कि पालिकाओं में नगर निगम में 100 वर्ग गज, नगर परिषद में 125 वर्ग गज तथा नगर पालिका में 150 वर्ग गज क्षेत्रफल वाले दुकानदार को ही नुकसान होने की स्थिति में मुआवजा आवेदन करने का अवसर मिलता था परंतु अब इस प्रक्रिया में बदलाव करते हुए सभी पालिकाओं में 200 वर्गगज क्षेत्रफल तक के छोटे दुकानदारों को नुकसान होने की स्थिति में मुआवजा पाने के लिए अवसर मिलेगा।
श्रीमती जैन ने बताया कि वर्तमान में छोटे दुकानदार, रेहड़ी वाले, फड़ी वाले व खोखा मालिकों को आग, बिजली, बाढ़, भूचाल या प्राकृतिक आपदा की स्थिति में ही मुआवजा देने का प्रावधान था, लेकिन इस नीति में दंगे या अचानक किसी कारणवश दुर्घटना में छोटे दुकानदारों, रेहड़ी वालों, फड़ी वालों व खोखा मालिकों के हुए नुकसान के मुआवजे को भी शामिल किया गया है। 

उन्होंने बताया कि भविष्य में छोटे दुकानदार, रेहड़ी वाले, फड़ी वाले व खोखा मालिकों  को नुकसान होने की स्थिति में मुआवजा प्रदान करने के लिए समिति गठित की गई हैं। नगर निगम में संयुक्त आयुक्त नगर निगम की अध्यक्षता वाली समिति में उप-निगम आयुक्त/कार्यकारी अधिकारी, अग्निश्मन अधिकारी, राजस्व विभाग प्रतिनिधि तथा नगर परिषद एवं नगर पालिका में उपमंडल अधिकारी (नागरिक) की अध्यक्षता वाली समिति में कार्यकारी अधिकारी/सचिव, अग्निश्मन अधिकारी, राजस्व विभाग प्रतिनिधि को शामिल किया गया है। 
उन्होंने कहा कि शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा नियमों में किए गए बदलाव से छोटे दुकानदारों को संरक्षण मिलेगा और वह नुकसान के बाद अपने व्यवसाय को पुर्न पटरी पर ला सकेंगे। इसके लिए छोटे दुकानदारों को पालिका में कारोबार करने के लिए पंजीकृत कराना पड़ेगा। नुकसान के मुआवजे के लिए आवेदक को प्रापर्टी टैक्स, अग्निश्मन के भुगतान की भी जानकारी देनी पड़ेगी, ताकि प्रक्रिया में किसी प्रकार की बाधा सामने न आ

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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