मेवात की महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए बांटी गई मशीनें और इस्तरी

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                    …… गांव में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए नि:स्वार्थ कदम के अध्यक्ष प्रमोद राघव ने किया वितरण 

……गाँवों में ही रोजगार उपलब्ध कराने का दूसरा चरण हुआ शुरू     

…….  पतंजलि संस्थान के सामने भी की जाएगी मेवात में रोजगार उपलब्ध कराने की प्रार्थना।                  
मेवात : गांव में ही रोजगार देने की योजना के तहत स्वयंसेवी संस्था नि:स्वार्थ कदम द्वारा मेवात में बेरोजगार महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए सिलाई मशीन और इस्तरी वितरित की गई। एनआरआई प्रमोद राघव के नेतृत्व में निःस्वार्थ कदम संस्था की पांच सदस्यीय टीम सबसे पहले गांव उजीना में पहुँची और यहां विधवा और बेसहारा महिलाओं को रोजगार देने के उद्देश्य से प्रेस (इस्तरी) करने का काम शुरू करवाया । सात साल से विधवा और तीन बच्चों की माँ चंदरो देवी को बड़ी इस्तरी, मेज, कुर्सी उपलब्ध कराई गई। साथ ही ग्रामीणों से  भी अपील की कि वे चंद्रो से ही अपने वस्त्र को इस्तरी करवाएँ  ताकि गांव की ही किसी बेसहारा महिला को रोजगार मिल सकें। इसी तरह संगेल गांव में पहुँची टीम ने कुछ अन्य महिलाओं को सिलाई मशीन भेंट कर उन्हें थैले बनाने का काम दिया। इसके अलावा यहां स्थित गौ शाला में कर्मचारियों व गौ सेवकों को भी पंचगव्य से बनने वाली देशी वस्तुओं के उत्पादन के लिए  प्रेरित किया । उल्लेखनीय है कि 15 दिन पहले ही गांव में ही रोजगार देने की योजना के तहत पहले  चरण में नूंह जिले के 15 गावों के पढ़े लिखे बेरोजगार युवाओं के साथ चर्चा की गई थी। इस चर्चा के आधार पर ही आज ये रोजगार परक सामग्री बेरोजगार महिलाओं को वितरित की गई।                                         निःस्वार्थ कदम के अध्यक्ष प्रमोद राघव ने बताया कि पहले फिलहाल गाँव संगेल,  हसनपुर, बराता, पल्ला, नूहं, नगली , बिछौर, सुडाका, मालाब, बझेड़ा,  , उज्जिना, बाई,  नल्हड , जयसिंह पुर , पुन्हाना आदि 15 गांवों में चयनित महिलाओं व युवाओं को रोजगार करवाकर दिया जाएगा। प्रमोद ने कहा कि मेवात की स्थिति को सुधारने के लिए युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराना हमारा उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि सरकार अपने स्तर पर तो  काम कर ही  रही है, लेकिन निजी संस्थाओं और उधोगिक संस्थानों को भी इसके लिए गाँवों की तरफ अपने कदम बढ़ाने होंगे । इससे पहले गुरुग्राम में  राष्ट्र सेविका समिति की पांच महिलाओं को सिलाई मशीनें उपलब्ध कराई गई।  प्रमोद राघव ने  कहा कि रोजगार देने संबन्धी कार्य तब तक  लगातार चलता रहेगा जब तक कि सभी को रोजगार न मिल जाए। निःस्वार्थ कदम मेवात में इसकी ज्यादा जरूरत समझते हुए सबसे पहले यहाँ के 15 गाँवों में रोजगार देने की योजना पर तेजी से काम किया जाएगा।  राघव ने  कहा कि जब ग्रामीण युवाओं को गांव में ही रोजगार मिलेगा तो वे गांव से शहर की तरफ नहीं नहीं जायेंगे और अपने गांव में रहते हुए अपने परिवार का भरणपोषण कर सकते हैं।   कृषि, कम्प्यूटर, गाय पालन के अलावा वर्मी कम्पोस्ड, पंचगव्य से बनने वाले उत्पाद, गाय के  दूध वितरण के कार्यों में युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना प्राथमिकता रहेगी ताकि स्वदेशी को भी बढ़ावा मिल सके।            

    ………….पतंजलि संस्थान के सामने भी युवाओं को रोजगार देने की रखी जाएगी बात ……..

पतंजलि संस्थान बॉर्ड के सदस्य एवं एनआरआई प्रमोद राघव ने बताया कि गाँवों में ज्यादा से ज्यादा लोगों को गांव में ही रोजगार मिल सके इसके लिए पतंजलि संस्थान से भी प्रार्थना की जाएगी। उन्होनें बताया कि पतंजलि भी अब तक लाखों लोगों को रोजगार दे चुका है। उसी तर्ज पर निःस्वार्थ कदम भी आगे बढ़ रहा है। क्योंकि निःस्वार्थ कदम पहले से ही पंचगव्य से धूप, वर्मी कम्पोस्ड, फ्लोर क्लीनर और हवन समिधा आदि घरेलु उत्पादों के निर्माण कर अनेक युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है।              

                       …  .. उत्साहित है मेवात के युवा.   

         रोजगार देने की चल रही मुहिम ने यहां के युवाओं में उत्साह भर दिया है। यहां के निवासी विकास व ललित ने बताया कि एक व्यक्ति अमेरिका से भारत आकर मेवात जैसे इलाके में रोजगार देने का कार्य कर रहा है। जिससे यहां के युवाओं में एक विश्वास जागा है कि वे भी आगे बढ़ सकते हैं।

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