हरियाणा विधान सभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा
खेतों से धान की पराली मनरेगा के तहत उठवा सकती है सरकार
79.9 मेगावॉट क्षमता की बॉयोमास ऊर्जा परियोजना स्थापित करने का दावा
चण्डीगढ़, 23 अक्तूबर ; हरियाणा सरकार खेतों में धान की पराली का बिना जलाए ही समाधान हो, इसके प्रति संजीदा है तथा राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल के आदेशों की अनुपालना के प्रति किसानों को जागरूक किया जा रहा है और अब तक दो लाख किसानों को इस विषय में शिक्षित किया जा रहा है। जीरोटिल सीड कम फर्टिलाईजर ड्रील मशीन, हैप्पी सीडर तथा स्ट्रा बेलर के लिए 75 करोड़ रुपये अलग से सब्सिडी के लिए उपलब्ध करवाए गए हैं। अब तक 994 किसानों को आरटीजीएस के माध्यम से 31 करोड़ 39 लाख रुपये की सब्सिडी विशेष शिविरों के माध्यम से हस्तांतरित की गई है।
यह जानकारी आज यहां हरियाणा विधान सभा सत्र के पहले दिन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला व अन्य विधायकों द्वारा रखे गए एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जवाब में सदन को दी।
श्री धनखड़ ने हरियाणा विधान सभा के सभी सदस्यों से अनुरोध किया कि वे हरियाणा की जमीन को ऊसर व बंजर होने से बचाने में सहयोग करें क्योंकि खेत में पराली को जलाना धरती मां के गर्भ को जलाना है। इसके लिए किसान 1500-1600 रुपये बचाने के चक्कर में 15 हजार रुपये से अधिक की भूमि की उर्वरता शक्ति का नुकसान करता है, जिसकी भरपाई वर्षों तक नहीं की जा सकती। किसानों को यह बात समझनी चाहिए। कृषि मंत्री ने सदन को इस बात से अवगत करवाया कि किसानों को जागरूक करने के लिए 3463 जागरूकता शिविर लगाए गए हैं। इसके अलावा, 79.9 मेगावॉट क्षमता की बॉयोमास ऊर्जा परियोजना स्थापित की जा रही है। हरेडा द्वारा पहले चरण में करनाल, कुरूक्षेत्र, अम्बाला, जींद और फतेहाबाद में बॉयोमास ऊर्जा के तहत 5.5 लाख टन धान की खपत की जाएगी। दूसरे चरण में 11 लाख टन धान की खपत करने का प्रस्ताव है।
इसके अलावा, स्वतंत्र बिजली उत्पादकों के माध्यम से पहले दौर में 500 किलोवॉट से 5 मेगावॉट तक के प्लांटों को राज्य में स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिन किसानों ने जीरोटिल सीड कम फर्टिलाईजर ड्रील मशीन, हैप्पी सीडर तथा स्ट्रा बेलर जैसे उपकरण खरीदें हैं, उन्हें विभाग अपने साथ रखेगा और 600 रुपये प्रतिदिन की सब्सिडी किसानों को दी जाएगी। इसके अलावा आठ किसानों के समूह को 25 लाख रुपये तक के ऐसे उपकरण खरीदने के लिए 40 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है, जिसके लिए 25 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
श्री धनखड़ ने विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया के सुझाव की सराहना की जिसके तहत उन्होंने एक महीना मनरेगा के तहत धान की पराली उठाने का कार्य करवाने की बात कही। उन्होंने कहा कि इसके लिए केन्द्र सरकार से आग्रह किया जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा धान की खरीद के समय पराली के लिए प्रोत्साहन के रूप में 4000 रुपये प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने के सुझाव को भी सही बताया है। उन्होंने कहा कि इस सम्बंध में सरकार गंभीरता से विचार कर रही है।