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: जबरदस्ती फैंसला कराने के लिए कोरे कागजों पर हस्ताक्षर कराने का आरोप
: रविवार तक आरोपी नहीं पकडे गए तो एसपी कार्यालय पर देंगें धरना
यूनुस अलवी
मेवात: नाबालिग 15 साल की बाल्मिकी दलित लडकी के साथ जबरजस्ती बलात्कार करने के मुख्य आरोपी तसलीम को पुलिस द्वारा डेढ महिने बाद भी ना पकड से दलित समाज में पुलिस के खिलाफ भारी रोष हैं। दलित परिवार का आरोप है कि पुलिस आरोपियों के दवाब में कुछ नहीं कर रही है बल्कि पुलिस उनको ही धमकाकर भगा देती है। आरोपी फैंसले के लिए दवाब बना रहे हैं जिसकी वजह से आरोपियों ने उनसे जबरजस्ती कई कोरे कागजों पर उनके अगूंठे लगा लिए हैं। पीडित पक्ष ने चेतावनी देते हुऐ कहा कि अगर आरोपियों को रविवार तक गिरफ्तार नहीं किया गया तो सोमवार को वे पूरे परिवार के साथ नूंह एसपी के कार्यालय पर अनिश्चित कालीन धरने पर बेठने को मजबूर होगें।
लडकी के पिता ने बताया कि उनकी बेटी के साथ गांव रेहना निवासी तसलीम जबरदस्ती काफी दिनों से डरा धमकाकर रेप कर रहा था। किसी को बताने पर पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी देता था जिसकी वजह से वह डरी हुई थी। पिता के अनुसार उसने पुलिस में शिकायत की और महिला थाने में गत 17 अगस्त 17 को आरोपी तसलीम के खिलाफ पासको ऐक्ट, जान से मारने की धमकी देने और एसटी/एससी ऐक्ट के तहत मामला तो दर्ज कर लिया लेकिन आरोपियों को पकडने के लिए आज तक पुलिस गांव में नहीं गई।
पीडित पिता का आरोप है कि वे बाल्मिकी दलित परिवार से है और आरोपी गांव में दबंग परिवार से ताल्लुक रखता है। वे धमकी देकर फैंसला कराने पर जोर दे रहे हैं। जब उन्होने फैंसला करने से मना कर दिया तो आरोपी के परिवार से शहाबदीन, शमशु, कमरू, सुबेदीन, याकूब और इमतियाज आदी ने पीडित लडकी के पिता, मां और खुद लडकी को जबरजस्ती उठाकर अपने घर ले गऐ जहां उनसे कटटे की नोंक पर जबरजस्ती कोरे कागजों पर हस्ताक्षर करा लिए। आरोपियों ने किसी को बताने पर भी जान से मारने की धमकी दी।
उन्होने बताया कि इसकी शिकायत उनहोने एसपी, दलित आयोग, मुख्यमंत्री और डीजीपी तक की है लेकिन पुलिस आरोपियों के दवाब में कोई कदम नहीं उठा रही है। उन्होने चेतावनी देते हुऐ कहा कि अगर आरोपी तसलीम को रविवार तक गिरफ्तार नहीं किया गया और उनसे जबरजस्ती कोरे कागजों पर हस्ताक्षर कराने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया गया तो वह पूरे परिवार के साथ सोमवार को नूंह पुलिस कप्तान के कार्यालय पर अनिश्चित कालीन धरने पर बेठने को मजबूर होंगें।
उधर महिला थाना प्रभारी कमलेश का कहना है कि मामला नाबालिक और एसटी/एससी एक्ट का है जिसकी तफसीश डीएसपी कर रहे हैं। वहीं डीएसपी विरेंद्र सिंह ने बताया कि पहले इस मामले को वहीं देख रहे थे लेकिन अब दूसरा डीएसपी आ गया है अब इस मामले की जांच नए डीएसपी करेगें।