शास्त्रीय संध्या से लोक कला उत्सव का आगाज : कत्थक नृत्य ने बांधा समां, गूंजी तालियां

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संस्कृति के विस्तार में कला परिषद् विशेष योगदान दे रही है :  जिला उपायुक्त

आर एस चौहान 

शास्त्रीय संध्या से लोक कला उत्सव का आगाज : कत्थक नृत्य ने बांधा समां, गूंजी तालियां 2गुरुग्राम : हरियाणा स्वर्ण जंयती वर्ष के दौरान हरियाणा कला परिषद् संस्कृति के विस्तार में विशेष योगदान दे रही है। हरियाणा कला परिषद् के द्वारा करवाए जा रहे आयोजनों के द्वारा न केवल कला का विस्तार हो रहा है अपितु कलाकारों का भी संर्वधन किया जा रहा है। प्रदेश की संस्कृति को मजबूत बनाने में किये जा रहे प्रयास वास्तव में सराहनीय है। यह विचार जिला उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने व्यक्त किया।

वे गत दिवस बाल भवन में शुरु हुए सात दिवसीय नाट्य एवं लोक कला उत्सव के उद्घाटन अवसर पर दर्शकों को सम्बोंधित कर रहे थे। मौका था सात दिवसीय लोक नाट्य उत्सव के पहले दिन आयोजित शास्त्रीय संध्या का। हरियाणा कला परिषद् द्वारा निष्ठा सांस्कृतिक मंच गुरुग्राम के संयुक्त तत्वावधान में 23 से 29 अगस्त तक सात दिन चलने वाला लोक कला उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें उत्सव के प्रथम दिन जयपुर घराने से हरीश गंगानी के निर्देशन में कलाकारों ने कत्थक नृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में जिला उपायुक्त विनय प्रताप सिंह बतौर मुख्यअतिथि रहे।

 

वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता हरियाणा कला परिषद् मल्टी आर्ट कल्चरल सेंटर के मुख्य सलाहकार महेश जोशी ने की। कार्यक्रम के दौरान मैक के अतिरिक्त मुख्य सलाहकार संजय भसीन ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि प्रदेश में संस्कृति की झलक को दिखाने के लिए हरियाणा कला परिषद् निरंतर प्रयासरत है। जिसके अंर्तगत गुरुग्राम में विभिन्न कला विधाओं को संजोता सात दिवसीय लोक कला उत्सव आयोजित किया गया है। कार्यक्रम का आगाज भगवान शिव की स्तुति से किया गया। कत्थक के माध्यम से शिव स्तुति कर कलाकारों ने भरपूर वाहवाही बटौरी। इसके बाद सरगम प्रस्तुत कर जयपुर घराने के कलाकारों ने माहौल को मदमस्त कर दिया। राग बागेश्वरी के माध्यम से स्वरों को नृत्य के हस्तकों तथा पद संचालन में पिरोया गया।

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ठूमरी में भगवान कृष्ण और राधा की अठखेलियों को दिखाया गया। यमुना तट पर गोपियों के साथ छेड़छाड़ करना,माखन चुराना तथा महारास को कत्थक नृत्य के माध्यम से महिला कलाकारों ने बखूबी प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति तराना रही। जिसमें कलाकारों ने अपने नृत्य तथा भाव-भंगिमाओं के द्वारा जीवन को अमूर्तरुप देते हुए दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। कार्यक्रम में नंदिनी, निहारिका, आरती,राधिका, अक्षिता, पारुल, दीपशिखा, श्रुति तथा पारुल दत्ता ने अपने नृत्य कौशल से खूब समां बांधा। कार्यक्रम के अंत में सभी कलाकारों तथा अतिथियों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर नरेश सहरावत (संरक्षक, निष्ठा) , हरजीत सिंह (सयोजक, बी.जे.पी) , रमेश कालड़ा (उपाद्यक्ष, निष्ठा) , नरेश गुप्ता , गोल्डी सिमला (कोषाध्यक्ष , निष्ठा) , अंकित भसीन , अनुज , अंकित, अंकुश , राजेश बोहरा, गगनदीप सैनी , अनिल संदुजा, मनीष डोगरा ( कोऑर्डिनेटर, मैक) उपस्थित रहे।

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