“पर्यावरण संरक्षक बच्चों की एक बड़ी फ़ौज खड़ी कर सकते हैं शिक्षक “

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“ Save Mother Earth’ प्रोजेक्ट के अंतर्गत कार्यशाला का आयोजन

लायंस क्लब गुड़गाँव सिटी एवं लार्ड जीसस पब्लिक स्कूल का संयुक्त प्रयास 

"पर्यावरण संरक्षक बच्चों की एक बड़ी फ़ौज खड़ी कर सकते हैं शिक्षक " 2गुरुग्राम : लायंस क्लब गुड़गाँव सिटी की ओर से गत शनिवार 19 अगस्त को लार्ड जीसस पब्लिक स्कूल, विजय पार्क, गुरुग्राम में ‘Say No to Polythene  Save Mother Earth’ प्रोजेक्ट के अंतर्गत एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें लार्ड जीसस पब्लिक स्कूल के सभी शिक्षक व शिक्षिकाएं एवं अन्य स्टाफ भी शामिल हुए. कार्यशाला में प्रोजेक्ट चेयरमैन लायन डी वी तनेजा ने पॉलिथीन के उपयोग और इसके दुस्प्रभाव की विस्तार से चर्चा की. विद्यालय की प्राचार्या सीमा शर्मा ने सभी विशेषज्ञों का स्वागत किया और इस अभियान के प्रयोजन पर अपना व्याख्यान दिया. स्कूल के निदेशक रवि कान्त एवं अशोक सरदाना ने पर्यावरण संरक्षक बच्चों की एक बड़ी फ़ौज खड़ी करने पर बल दिया.

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प्राचार्या सीमा शर्मा ने कार्यक्रम के आरम्भ में ‘Say No to Polythene  Save Mother Earth’ प्रोजेक्ट की संवेदनशीलता पर प्रकास डाला और कार्यशाला में उपस्थित सभी स्टाफ्स से अपील की कि हमें विशेषज्ञ वक्ताओं के अनुभवों पर गंभीरता से मनन व उस पर अमल करने का निश्चय करना चाहिए. उन्होंने कहा कि चिंता इस बात से पैदा होती है कि विश्व स्तर पर भारत में ही पॉलिथीन का उपयोग सबसे अधिक हो रहा है. प्लास्टिक बैग के बढ़ते उपयोग से पृथ्वी तो त्रस्त है ही जबकि वैज्ञानिकों का दृष्टिकोण है कि अब तो अन्य ग्रह भी इसकी चपेट में आने लगे हैं. हमारे पानी के स्त्रोतों को इससे बड़ा नुक्सान पहुँच रहा है.  

 

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इस अभियान को जनांदोलन का स्वरूप देने का बीड़ा उठाने वाले लायंस क्लब गुडगाँव सिटी के प्रोजेक्ट चेयरमेन लायन डी. वी. तनेजा,  लार्ड जीसस पब्लिक स्कूल के निदेशक रवि कान्त, अशोक सरदाना,  एवं लायन राजेश जैसवाल, प्रेसिडेंट, लायंस क्लब गुडगाँव सिटी ने कार्यशाला में शामिल लोगों को जूट के बैग वितरित किये. सामूहिक रूप से कार्यशाला में शामिल लोगों को इस जनजागरण अभियान का हिस्सा बनने का आह्वान किया.

 

प्रोजेक्ट चेयरमैन लायन डी वी तनेजा ने पॉलिथीन को प्राकृतिक सरंचनाओं व श्रोतों के लिए सबसे घातक बताया. उन्होंने कहा कि इससे हमारी प्रकृति एक दिन मानव के रहने के लायक नहीं रहेगी और इको सिस्टम खतरे में पड जाएगा. श्री तनेजा जो ‘स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत’ परियोजना के भी अध्यक्ष हैं ने कार्यशाला में लार्ड जीसस स्कूल के स्टाफ्स को अपने तर्क के माध्यम से समझाने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि प्लास्टिक बैग्स विघटित नहीं होते बल्कि हर बार अधिक तापमान पर रीसायकल किये जाते हैं जो वातावरण के लिए और भी खतरनाक हैं. ये नॉन बायोडिग्रेडेबल हैं. इसलिए यह आने वाली पीढ़ी में जेनेटिक डिसऑर्डर पैदा कर सकते है."पर्यावरण संरक्षक बच्चों की एक बड़ी फ़ौज खड़ी कर सकते हैं शिक्षक " 5

 

लार्ड जीसस पब्लिक स्कूल के निदेशक रवि कान्त ने इस अभियान के लिए लायंस क्लब गुडगाँव सिटी व श्री तनेजा की प्रशंसा की. इस अवसर पर उन्होंने अपने संदेश में जनहित के विषयों को लेकर अध्यापकों की भूमिका पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि अगर शिक्षक यह ठान ले कि समाज से पॉलिथीन का पूरी तरह उन्मूलन करना है तो वे अपने विद्यार्थियों के माध्यम से ऐसा संभव कर सकते हैं. शिक्षकों का ही सर्वाधिक असर बच्चों पर पड़ता है. उन्होंने शिक्षकों से इस विषय में सक्रिय भागीदारी निभाने का आह्वान किया. उनका मानना था कि प्रतिदिन के पढ़ाने की जिम्मेदारी में थोडा समय अगर इस सम्बन्ध में बच्चों को जागरुक करने में लागायें तो इससे पॉलिथीन के विरोध में पर्यावरण संरक्षक बच्चों की एक बड़ी फ़ौज खड़ी की जा सकती है.

 

"पर्यावरण संरक्षक बच्चों की एक बड़ी फ़ौज खड़ी कर सकते हैं शिक्षक " 6विद्यालय के निदेशक अशोक सरदाना ने स्वच्छ भारत व स्वस्थ भारत की कामना करते हुए कहा कि इस तरह के प्रयास से समाज को सही दिशा मिलती है. उन्होंने ऐसे जागरूकता कार्यक्रम अधिक से अधिक आयोजित किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया.  इसमें सक्रीय भूमिका अदा करने का वायदा किया. उनका कहना था कि प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाना कोई बड़ी बात नहीं है बल्कि यह समझाना कठिन है कि हमारा जीवन खतरे में है. श्री सरदाना ने बताया कि हिमाचल प्रदेश संभवत: एकमात्र राज्य है जिसने प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग सफलतापूर्वक बंद कर दिया है। हमें देश के बाकी हिस्सों को ऐसा ही बनाने की कोशिश करनी चाहिए.  

कार्यशाला को लायन राजेश जैसवाल, प्रेसिडेंट, लायंस क्लब गुडगाँव सिटी ने भी संबोधित किया. उन्होंने कहा कि इस मामले में लोगों को विरोध और रैलियों के लिए नहीं कह रहे हैं. हम लोगों को अपने स्वास्थ्य व देश के स्वास्थ्य के बारे में थोड़े अधिक जागरूक होने के लिए कह रहे हैं. उन्होंने उदाहरन दिया कि अगर उपभोक्ता प्लास्टिक बेग लेने से इनकार करने लगे तो दुकानदार मजबूर होकर प्लास्टिक बैग के बजाय जूट बैग रखने लगेंगे. उनका कहना था कि विक्रेताओं और खरीदारों के सामूहिक प्रयास से प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने में पर्यावरण की मदद की जा सकती है। आज की छोटी सी कोशिश से हम दशकों तक स्वच्छ सांस लेने और स्वस्थ वातावरण में रह सकेंगे.

 

कार्यक्रम में लायंस पब्लिक स्कूल के मैनेजर राजीव कुमार ने अपने संबोधन में इस मुहिम को और तेज करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि जितनी जागरूकता बढ़ेगी उतनी कामयाबी हासिल होगी. केवल ध्यान यह रहे कि इसमें सबका योगदान जरूरी है. उन्होंने कहा कि रचनात्मकता कभी बेकार नहीं जाती है बल्कि इसका असर दूर तक जाता है. उनके शब्दों में सतयुग, त्रेता और द्वापर युग में हमारे पूर्वजों ने जिस तरह प्रकृति से प्रेम किया हम शायद उसका एक प्रतिशत भी नहीं कर पा रहे हैं. हमें उन धरोहरों को संजो कर रखने के लिए सजग होना पड़ेगा और प्रकृति को न्यूनतम नुक्सान पहुंचाने की कसमें खानी होंगी.

 

इस अवसर पर लायन रमेश सैथी और लायंस पब्लिक स्कूल की प्राचार्या रेनू वर्मा ने भी कार्यशाला को संबोधित किया . उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में शतप्रतिशत आम लोग प्रकृतिप्रेमी बनेंगे और हम पॉलिथीन मुक्त देश में रह सकेंगे.

 

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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