रेल दुर्घटना के लिए छोटे अधिकारियों पर कार्रवाई बड़े को छुट्टी पर भेजा !

Font Size

सुभाष चौधरी/प्रधान संपादक 

नई दिल्ली : मुजफ्फरनगर के खतौली में हुए भीषण रेल दुर्घटना के मामले में रेलवे ने चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया है जबकि कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को छुट्टी पर भेज दिया है. हालाँकि इसे अब तक की सभी दुर्घटनाओं में से बड़ी कार्रवाई बताया जा रहा है लेकिन अपनों को गवां चुके परिवार इससे संतुष्ट नहीं हैं. कांग्रेस पार्टी ने रेलवे में यात्रियों की सुरक्षा के इंतजाम को लेकर सवाल खड़ा किया है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार इस घटना  को लेकर रेल मंत्री बेहद सक्रीय हैं  क्योंकि स्वयं पीएम नरेन्द्र मोदी इस मामले में सख्त कार्रवाई चाहते हैं.  दुर्घटना के लिए प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए रेलवे ने केवल चार अधिकारियों को सस्पेंड किया है जबकि उत्तर रेलवे के जीएम, दिल्ली के डीआरएम और रेलवे  बोर्ड के मेंबर इंजीनियरिंग को भी छुट्टी पर भेजा गया है. जाँच में आये तथ्यों के आधार पर रेलवे ट्रैक की निगरानी टीम को भी दोषी पाया गया है जबकि उत्तर रेलवे के चीफ ट्रैक इंजीनियर का तबादला कर दिया गया है. इससे स्पष्ट है की इतनी बड़ी लापरवाही के लिए केवल छोटे अधिकारियों को निलंबित किया गे है जबकि वरिष्ठ अधिकारियों को छुट्टी पर भेज कर उन्हें उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं बल्कि कार्रवाई की ओपचारिकता पूरी की गयी है.

 

रेलवे ने जिन अधिकारियों को निलंबित किया है उनमें आरके वर्मा (सीनियर डिविजनल इंजीनियर, दिल्ली डिविजन), रोहित कुमार (असिस्टेंट इंजीनियर, मेरठ, दिल्ली डिविजन), इंदरजीत सिंह (सीनियर सेक्शन इंजीनियर, मुजफ्फरनगर) और प्रदीप कुमार (जूनियर इंजीनियर, खतौली) शामिल है. इनके पद से स्पष्ट है कि मुख्यालय में बैठ कर केवल निर्देश देने वाले अधिकारियों के गैरजिम्मेदाराना रवैये के लिए उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.

 

अब उत्तर रेलवे के नए जी एम् एमसी चौहान को बनाए गए हैं. बताया जाता है कि चौहान उत्तर मध्य रेलवे के जीएम हैं और उन्हें यह अतिरिक्त चार्ज दिया गया है. अंशुल गुप्ता को दिल्ली डिवीजन का नया डीआरएम बनाया गया है. अंशुल रेलवे बोर्ड में एडी थे. रेलवे बोर्ड इस  आदेश से यह स्पष्ट है कि किसी भी वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ कारवाई फिलहाल नहीं होगी.

 

सूत्रों का कहना है कि जांच में ये संकेत मिले थे कि ट्रैक की निगरानी टीम ने घोर लापरवाही बरती है. रेगुलर चलने वाली ट्रेनों के रूट पर नियमित नज़र रखना इनकी जिम्मेदारी है लेकिन इन्होने इसमें कोताही बरती और इतना बड़ा हादसा हुआ. मौके पर पहुंची टीम ने रिपोर्ट में कहा है कि मेंटनेस का काम चल रहा था, जिसकी वजह से पटरी को हेक्सा ब्लेड से काटा गया था, इसकी वजह से नट बोल्ट और फिश प्लेट पटरी से हटी हुई थी. 5.45 पर ट्रेन गुजरी और 5.47 पर हादसा हुआ. 5 डिब्बे दुर्घटना निकल चुके थे और 13वां डिब्बा जब निकल रहा था तभी यह हादसा हुआ. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार ने यह सपष्ट कर दिया था कि इस घटना के पीछे किसी तरह की कोई आतंकवादी साजिश के संकेत नहीं मिले हैं.

 

उल्लेखनीय है कि गत शनिवार शाम उत्तर प्रदेश के मेरठ-सहारनपुर डिवीजन में ओडिशा से उत्तराखंड के हरिद्वार जा रही पुरी-उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन के 14 डिब्बे मुजफ्फरनगर के खतोली के पास पटरी से उतर गए थे. इस हादसे में 24 लोगों की मौत हो गई और करीब सौ से अधिक घायल हो गए.

रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने रविवार को आश्वस्त किया था कि उन्होंने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को शाम तक सबूत के आधार पर जिम्मेदारी तय करने का निर्देश दिया था. इसी आलोक में ही चार अधिकारियों को निलंबित किया गया है और कुछ को छुट्टी पर भेजा गया है.

You cannot copy content of this page