गोरखपुर हॉस्पिटल में अब तक 60 मौतें, योगी ने दिए न्यायिक जाँच के आदेश

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ऑक्‍सीजन सप्लायर की भूमिका की जांच के लिए एक कमेटी का गठित 

स्वास्थ्य राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल गोरखपुर पहुंची 

यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और आशुतोष टंडन भी गोरखपुर में 

लखनऊ : गोरखपुर हॉस्पिटल में पिछले पांच दिनों में अब तक 60 मौतें हो चुकी हैं. पिछले 36 घंटों में में हुईं 30 बच्चों की मौत को लेकर मच रहे बवाल के बीच उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने आज स्थिति स्पष्ट करने के लिए संवाददाताओं से  बात की. उन्होंने कहा कि ये घटना कल से मीडिया में छाई हुई है. मीडिया बधाई का पात्र है. आप सब जानते हैं कि इंसेफिलाइटस बिमारी के खिलाफ लड़ाई की शुरुआत मैंने की थी. मुख्यमंत्री बनने के बाद खुद अस्पताल का दौरा किया और सभी परिवारों के प्रति मेरी संवेदना थी. उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मदद का आश्वासन दिया है.

 

मुख्‍यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने स्वास्थ्य राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल को गोरखपुर भेजा है. उन्होंने मीडिया से तथ्यों को सभी परिप्रेक्ष्य में रखने की गुजारिश की. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के दो मंत्री गोरखपुर के दौरे पर हैं. स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारी भी गए हैं. स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और आशुतोष टंडन भी वहां गए हैं.’

 

सीएम ने आगे कहा, मौत के सही कारन आयर कितनी मौतें हुईं हैं यह जानने के लिए  हमने मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने आश्वस्त किया कि अगर ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित हुई है तो आपूर्तिकर्ता के खिलाफ कार्रवाई होगी. उसकी भूमिका की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया है. सप्लायर को 8 वर्ष का ठेका पिछली सरकार ने दिया था. उन्होंने कहा कि हम सभी तथ्यों को रख पाएं तो बेहतर होगा.

 

उल्लेखनीय है कि शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा था कि 9 जुलाई और 9 अगस्त को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हॉस्पिटल आए थे लेकिन उस वक्त ऑक्सीजन का मुद्दा किसी ने नहीं उठाया.

उन्होंने कहा था कि बच्चों की मौत का कारण सिर्फ ऑक्सीजन की कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि जिस वक्त ऑक्सीजन सप्लाई नहीं थी, उस वक्त ये मौतें नहीं हुईं. उन्होंने यह भी बताया कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती और रिपोर्ट नहीं मिल जाती तब तक के लिए बीआरडी कॉलेज के प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया गया है.

इससे पहले गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में लिक्विड ऑक्‍सीजन सिलिंडर पहुंचाने वाली कंपनी पुष्‍पा सेल्‍स प्राइवेट लिमिटेड के दफ्तर पर पिछले रात में छापेमारी हुई है. इस कंपनी के मालिक मनीष भंडारी के घर और उसके रिश्‍तेदारों के यहां भी छापेमारी हुई है. मनीष भंडारी लेकिन फरार है. कुछ मिडिया प्रतिनिधियों से फोन पर बातचीत में उसने दावा किया है कि वे एग्रीमेंट के अनुसार पैसे की मनाग करते रहे और अधिकारियों ने उनका भुगतान नहीं किया. अभी घटना के बाद उन्हें भुगतान किया गया है. दूसरी तरफ बीआरडी कॉलेज के निलंबित प्रिंसिपल ने भी ऑक्सीजन की वजह से बच्चों की मौतें होने से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि समय पूर्व जन्म लेने वाले बच्चों को अधिक समय तक बचाया जाना संभव नहीं होता है.

गौरतलब है कि गोरखपुर में पिछले पांच दिनों में 60 बच्चों की हुई दर्दनाक मौत ने अस्पताल प्रशासन के आस्थ साथ उत्तरप्रदेश सरकार को भी कठघरे में ला खड़ा किया है . जान गंवाने वाले बच्चों में 5 नवजात शिशु थे. इन मौतों की वजह ऑक्सीजन की कमी होना बताया जा रहा है.

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