प्रशासन ने मांगा सिलोखरा भूमि विवाद को सुलझाने का समय

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सिलोखरा के ग्रामीणों को शासन व प्रशासन से न्याय का इंतजार: मुकेश शर्मा 

 गुडग़ांव, 30 जुलाई: सिलोखरा की पंचायती जमीन पर गांव के लोगों की सुविधाओं और संसाधनों को बढ़ाने से संबंधित विकास कार्य कराने की मांग को लेकर आंदोलनरत ग्रामीणों को प्रशासन से एक और आश्वासन प्राप्त हुआ है। मांग पर विचार करने के लिए गांव के लोगों की रविवार को सिलोखरा में हुई पंचायत में 360 गांवों प्रधान चौ. महेन्द्र सिंह ठाकरान, 18 गांवों के चौधरी जगपाल जैलदार, 12 गांवों के प्रधान जितेन्द्र यादव के साथ सिलोखरा व अन्य गांवों के मौजि लोग उपस्थित रहे।
 
ग्रामीणों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे सिलोखरा निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता व कांग्रेस के हरियाणा प्रदेश सचिव मुकेश शर्मा ने कहा कि पिछले माह सिलोखरा मेें हुई 360 गांवों की हुई महापंचायत के दौरान गुडग़ांव में मौजूद रहे मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पंचायत स्थल पर प्रशासनिक अधिकारी को भेजकर लोगों की मांगों को सुना। इसके बाद ग्रामीणों का प्रतिनिधिमंडल नवनियुक्त जिला उपायुक्त विनय प्रताप सिंह से भी मिला। डीसी ने आश्वासन दिया कि इस मामले को सुलझाने के लिए शीघ्र ही पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया जाएगा। बहरहाल कमेटी के गठन की प्रशासनिक प्रक्रिया जारी है। इस संबंध में बात करने पर जिला उपायुक्त ने कहा कि इस मामले को हल करने के लिए आंदोलन कर रहे ग्रामीणों को थोड़ा वक्त देना पड़ेगा।
 
 
मुकेश शर्मा ने कहा कि इस बात से हम सहमत हैं। प्रशासन को वक्त जरुर मिलेगा लेकिन इसके साथ सिलोखरा के लोगों को न्याय भी मिलना चहिए और इस न्याय का वहां के लोगों को बेसब्री से इंतजार है। मुकेश शर्मा ने कहा सिलोखरा के लोगों की मांग आम जनता के हित में है। गांव के लोग सिलोखरा की जमीन पर पार्क, तालाब (तीर्थ स्थान), पीर बाबा मंदिर, सामुदायिक भवन आदि बनाने की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों के लिए ये विकास कार्य निहायत जरुरी हैं। किसी भी गांव की जमीन पर वहां के ग्रामीणों का सर्वाधिक हम रहता है क्योंकि यह जमीन उनके ही पूर्वजों की है। ऐसे में ग्रामीणों द्वारा अगर गांव के हित में उक्त भूमि पर विकास कराने की मांग की जा रही है तो वह सर्वथा उचित है। उन्होंने बताया कि शासन और प्रशासन के समक्ष सिलोखरा को स्मार्ट गांव बनाने की भी मांग रखी गई है। यह गांव न्यू गुडग़ांव के पॉश इलाके में आता है। इस दृष्टिकोण से भी गांव का स्मार्ट गांव बनना जरुरी है। मुकेश शर्मा ने कहा कि अगर शासन और प्रशासन जनता के हित की बात करता है तो अवश्य ही जनता की इस आवाज को सुना जाना चाहिए।
 
उन्होंने ने कहा कि ग्रामीणों ने अब तक जो भी आंदोलन चलाए हैं वह शांतिपूर्ण रहा। हम लोकतांत्रिक तरीके से अपनी जायज मांगों को शासन व प्रशासन के समक्ष रखते आ रहे हैं। हम उस वक्त तक इंतजार करेंगे जब तक हमें न्याय नहीं मिल जाता। मुकेश शर्मा ने कहा कि पूर्व में हुई महापंचायत के दौरान निर्णय लिया गया था अगर मांगें नहीं पूरी होती हैं तो 6 अगस्त को पुन: महापंचायत का आयोजन किया जाएगा लेकिन प्रशासन द्वारा इस मामले को निपटाने के लिए समय की मांग किए जाने के बाद निर्णय लिया गया है कि अगर विवाद का कोई हल नहीं निकला तो आगामी 10 सितम्बर को पुन: 360 गांवों की महापंचायत का आयोजन कर आंदोलन की नई रणनीति बनाई जाएगी।
 
इससे पूर्व जिला उपायुक्त से लगातार संपर्क स्थापित कर इस भूमि विवाद को सुलझाने और ग्रामीणों की मांगों को पूरा करने के लिए आग्रह किया जाता रहेगा। पंचायत के दौरान ओमप्रकाश सरपंच, मुकेश शर्मा, नेता, विजय नेता, रामपाल यादव, शेर सिंह, राजेन्द्र, देवी राय, अतर सिंह शर्मा, जिले सिंह सैनी, लेखराम सैनी, अशोक शर्मा, प्रवेश शर्मा, देवी राम यादव, चंदर सैनी, रामपत यादव, धर्मवीर शर्मा, सतीश सैनी, राम निवास शर्मा, बलवीर सैनी, यशपाल सैनी, जयकिशन शर्मा, भूषण सैनी, ईश्वर यादव, सुरेश नंबरदार, देवेन्द्र यादव, जयभगवान शर्मा, हेमंत शर्मा, चेतराम सैनी, रणवीर यादव, संजय यादव, बिजेन्द्र काले, लीलू यादव, वेदाराम हलवाई, हरि सिंह यादव व किशन भरते आदि सैकड़ों लोग मौजूद रहे।  
    

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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