नई दिल्ली : केरल के कोझिकोड में पीएम नरेन्द्र मोदी के शनिवार के भाषण पर देश के राजनितिक दलों ने मिश्रित प्रतिक्रिया दी है. एक तरफ भाजपा नेताओं ने इस एक स्टेट्समैन का भाषण बताया जबकि अन्य दलों के नेता ने ठोस कार्रवाई के संकेत नहीं देने का आरोप लगाया.
देश के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कोझिकोड में पीएम नरेन्द्र मोदी के भाषण पर प्रतिक्रिया देते हए उन्हें विश्वस्तर का स्टेट्समैन बताया . एक निजी न्यूज चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि पीएम ने आज अपने भाषण में स्पष्ट कर दिया है हम उरी हमले के शहीदों के बलिदान को बेकार नहीं जाने देंगे.
उन्होंने कहा कि पीएम ने जो कहा वह आज समय की मांग है. हम एक जिम्मेदार देश हैं इसलिए हमें विश्वस्तर पर अपनी बात को मजबूती व जिम्मेदारी से रखना होता है .
दूसरी तरफ जेडीयू नेता के सी त्यागी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि हालाँकि उनकी पार्टी पाक के खिलाफ उठाये जाने वाले हर कदम में सरकार के साथ है लेकिन आज के पीएम के भाषण से उन्हें मायूशी हुई है. उनका कहना है कि पीएम को पाक के प्रति सरकार की नीतियों को स्पष्ट करना चाहिए.
इधर वामपंथी नेता सलीम का कहना है कि पीएम का भाषण देश कि जनता की आशा के अनुरूप नहीं है.
कांग्रेस नेता सचिन पायलट का कहना है पीएम उरी घटना में शहीद हुए १८ सैनिकों के ममले में पाक के खिलाफ क्या कदम उठा रहे हैं इसकी कोई बात नहीं की. उनका कहना है कि दुनिया जानती है कि ७० सालों से पाकिस्तान भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम दे रहा है. अब केवल भाषण से काम नहीं चलेगा बल्कि ठोस कार्रवाई करनी होगी. मोदी के भाषण पर देश के कई प्रमुख रक्षा विशश्ग्यों ने भी अपनी प्रतिक्रिया डी है. एम्बेसडर अरुण कुमार ने कहा कि देश को दो मोर्चे पर अपनी मुहीम शुरू करनी पड़ेगी.एक कुटनीतिक मोर्चे पर जबी दूसरा रणनीतिक मोर्चे पर. क्योकि बहार के देशों ने आतंकी घटनाओं की आलोचना तो की है लेकिन पाकिस्तान की आलोचना नहीं कि है.
दूसरी तरफ जेनरल शंकर रॉय चौधरी का कहना है कि इस हालत में पीएम ने जो कहा वह सही है. क्योंकि रक्षा क्षेत्र के लोगों ने पीएम को सभी आवश्यक जानकरी एवं हालत से अवगत अक्राया होगा. इस स्थिति में हमें लड़ाई जैसी कोई गैरजिम्मेदाराना बात नहीं करनी चाहिए. पीएम सभी परिस्थितियों को धयन में रखते हुए ही कदम उठाएंगे. उन्होंने कहा कि हमारी स्थिति तब और स्पष्ट होगी जब 26 सितम्बर को देश की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज युएनओ में क्या कहती हैं.