सुभाष चौधरी /प्रधान संपादक
पटना : बिहार विधानसभा के विशेष सत्र में नीतीश कुमार ने विश्वास मत जीता. नीतीश कुमार को 131 वोट मिले और विरोध में 108 पड़े. विधान सभा अध्यक्ष ने लॉबी डिविजन वोटिंग के जरिये मतदान कराया .
इससे पूर्व नीतीश कुमार की ओर से विश्वासमत हासिल करने सम्बन्धी एक लाइन का प्रस्ताव रखा गया था . विश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि मैंने कांग्रेस को भी बीच बचाव के लिए कहा लेकिन उन्होंने रूचि नहीं ली. उन्होंने कहा कि समय आने पर मैं एक एक सवाल का जवाब दूंगा. उन्होंने कहा कि जनता सबसे बड़ी अदालत है. उन्होंने कहा कि मैंने बिहार के हित में फैसला लिया है. उन्होंने कटाक्ष किया कि सेक्क्युलारिज्म भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए नहीं है. आरोप लगाया कि ये सेक्युलरिज्म का उपयोग अपना पाप छुपाने के लिए करते हैं. यह पहली बार है बिहार और केंद्र में एक सरकार है. सता सेवा के लिए होता है मेवा के लिए नहीं .
इस बीच राजद के विधायकों ने जबरदस्त हंगामा किया.
इस प्रस्ताव के खिलाफ सबसे पहले पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव विधानसभा में बोले. उन्होंने नीतीश कुमार पर बिहार की जनता के साथ धोखा करने का आरोप लगाया. तेजस्वी ने कहा नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए चुनौती दी कि उनमें हिम्मत थी तो वे हमें बर्खास्त करते. उन्होंने कहा कि वे कहते नहीं थे कि मैं इस्तीफा दूँ. उन्होंने कि नितीश ने पिछड़ों व दलितों को धोखा दिया. उन्होंने सवाल किया कि इससे पूर्व राजद विधायकों ने विधान सभा के बाहर प्रदर्शन किया और नीतिश कुमार व भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की.
इसके बाद राजग की ओर से भजपा के वरिष्ठ नेता नन्द किशोर यादव ने कमान संभाली. उन्होंने तेजस्वी पर तीखा हमला किया और सवाल किया कि बिना मूंछ वाले लड़के के पास करोड़ों का धन कहा से आया. उन्होने दोहराया कि बिहार के युवा दुखी हैं कि बिन मूंछ वाला लड़का करोड़ों का मालिक कैसे बना. उन्होंने कटाक्ष किया कि तेजस्वी के चेहरे पर सत्ता से बाहर होने का दुःख साफ दिख रहा है. उन्होंने कहा लालू को पुत्र मोह है. पुत्र मोह ने ही तेजस्वी को उप मुख्यमंत्री बनाया. अगर पुत्र मॉफ नहीं होता तो अब्दुल बारी सिद्दीकी उप मुख्यमंत्री होते. भाजप नेता ने कहा कि लालू यादव ने कैसे कहा कि तेजस्वी यादव इस्तीफा नहीं देगा.उनका कहना था कि नीतीश कुमार को भी यह पता नहीं था की तेजस्वी के पास इतनी संपत्ति है. राजद और कांग्रेस को सता जाने का दुःख है. उन्होंनेपूछा कि जब नितीश कुमार ने इस्तीफा नहीं माँगा तो लालू यादव ने क्यों कहा कि तेजस्वी इस्तीफा नहीं देगा.
243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 122 है. नीतीश कुमार सरकार के पास 132 विधायकों का समर्थन हैं जिसमें से 71 विधायक जदयू के , 53 भाजपा के, दो रालोसपा के, दो एलजीपी के , एक एचएएम का और तीन निर्दलीय विधायक हैं. राजद के 80 और कांग्रेस के 27 विधायक हैं.