बिहार विधानसभा की बैठक में हंगामा होने के आसार
विधायकों के तोड़फोड़ की भी है आशंका
सुभाष चौधरी /प्रधान संपादक
पटना : आज हर किस के मन में बड़ा सवाल है कि क्या नीतीश कुमार बिहार में अपना बहुमत सिद्ध कर पायेंगे ? आशंका इस बात की प्रबल है कि अब विपक्ष के विधायकों के साथ तेजस्वी यादव की ओर से व्यवधान पैदा करने कमी पूरी कोशिश होगी जबकि दूसरी तरफ लालू यादव इस कोशिश में हैं कि जद यू के यादव व मुस्लिम विधायक का एक गुट उनके साथ आ जाए और राजग गठबंधन को बहुमत सिद्ध करने से रोका जाए.
अब से कुछ देर बाद बिहार विधान सभ की बैठक शुरू होगी औए बुधवार शाम शुरू सियासी घटनाक्रम के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फ्लोर टेस्ट का सामना करेंगे. हालाँकि उनकी ओर से यह दावा किया जा रहा है कि जद यू के सभी विधायक एक जुट हैं लेकिन चर्चा जोरों पर है कि पार्टी के यादव व मुस्लिम विधयाकों का एक गुट नीतीश के इस फैसले से नाराज हैं. उनकी नाराजगी को और हवा देने की कोशिश राजद की ओर से लगातार हो रही है. कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार ने सभी यादव व मुस्लिम विधायकों से बात की है जबकि पार्टी के नाराज नेता शरद यादव से भी फोन पर बात की है. इसके अलावा वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी शरद यादव से बात की और राजनीतिक परिस्थिति पर चर्चा की.
मान मनोव्वल का यह सिलसिला लगातार जारी है और खबर है कि शरद यादव अब विरोध नहीं करेंगे और गतिरोध समाप्त हो गया है. संकेत है की श्री जेटली व नीतीश कुमार ने शरद यादव को केबिनेट मंत्री बनाने की बात की है जबकि उनके समर्थक विधायकों को भी बिहार मंत्रिमंडल में समायोजित किये जाने की बात हुई है.
सूत्रों का कहना है कि, विधानसभा में बहुमत साबित करने के बाद वह मंत्रिमंडल की भी घोषणा तत्काल होगी. इसमें जेडीयू के 9 मंत्री और बीजेपी के 8 मंत्री शामिल हो सकते हैं.
बिहार में 243 विधानसभा की सीट में उन्हें बहुमत के लिए 122 विधायकों की जरूरत पड़ेगी. जेडीयू के पास 71 और बीजेपी के पास 58 विधायक मिलकर 129 तक पहुंच जाते हैं. जेडीयू और बीजेपी गठबंधन का दावा है कि नीतीश सरकार को अब 132 विधायकों का समर्थन हासिल है. आशंका यह है कि लालू यादव उनके कुछ विधायकों को तोड़ कर बहुमत साबित करने से रोक सकते हैं. जदयू के यादव और मुस्लिम विधायकों ने अगर राजद का पालू पकड़ लिए तो आरजेडी के पास 81 विधायक हैं और कांग्रेस के 27 विधायक मिलकर उनकी संख्या 107 हो जाती है. ऐसे में लालू नीतीश कुमार को झटका दे सकते हैं. यह सब कुछ निर्भर करेगा कि नीतीश कुमार अपनी पार्टी को किस हद तक एक जुट रख पाते हैं.