सेक्टर 6 सामुदायिक भवन परिसर में सैकड़ों लोगों ने योग अपनाया

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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आरडब्लूए सेक्टर 3 ,5 और 6 की ओर से योग विज्ञान शिविर

 डॉक्टर सुनील आर्य के निर्देशन में योगाभ्यास को दिनचर्या में शामिल करने की शपथ ली

सेक्टर 6 सामुदायिक भवन परिसर में सैकड़ों लोगों ने योग अपनाया 2गुरुग्राम : अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आरडब्लूए सेक्टर 3 ,5 और 6 की ओर से  बुधवार 21 जून को सेक्टर 6 सामुदायिक भवन परिसर में योग विज्ञान शिविर का आयोजन किया गया. इसमें सम्बंधित सभी सेक्टरों के सैकड़ों महिला, पुरुष एवं बच्चे भी शामिल हुए. डॉक्टर सुनील आर्य एम.डी. आयुर्वेद के निर्देशन में इस योग विज्ञान शिविर में सभी ने योगाभ्यास किया. उन्होंने लोगों को शारीरिक एवं अध्यात्मिक उन्नति के लिए योग के महत्व को समझाया.  स्वस्थ रहना क्यों आवश्यक है इस पर प्रेरणादायक चर्चा की . 

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य सेक्टर 3 ,5 और 6 की ओर से सेक्टर 6 सामुदायिक भवन परिसर में आयोजित योग विज्ञान शिविर में इस सेक्टर से लगते अन्य सेक्टरों व कालोनियों के सैकड़ों निवासियों ने योग व प्राणायाम का अभ्यास किया और इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करने की शपथ ली.

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रेजिडेंट वेलफेयर सेक्टर 3 ,5 और 6 के अध्यक्ष दिनेश वशिष्ठ के अनुसार यह कार्यक्रम सुबह पांच बजे से साढ़े सात बजे तक चला . इसके प्रति लोगों में बड़ा उत्साह था.  इस अवसर पर डॉक्टर सुनील आर्य एम.डी. आयुर्वेद ने महर्षि पतंजलि के योग सूत्र की व्याख्या की और उनके बताये विभिन्न प्राणायाम को प्रदर्शित करते हुए शरीर पर पड़ने वाले इसके प्रभाव की जानकारी दी . उन्होंने कहा कि योग भारतीय संस्कृति की अमूल्य देन है. हमारे ऋषि मुनियों ने इसे रिसर्च कर दुनिया के लिए प्रस्तुत किया है.

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गुरूजी स्वामी विवेका नन्द महाराज थे  जो श्री राधा कृष्ण गौशाला सेक्टर 9 के सरंक्षक हैं। स्वामी विवेकानंद ने योगाभ्यासियों को संबोधित करते हुए कहा कि समाज के बड़े, बूढ़े, महिला, पुरुष व बच्चे सभी को योग व प्राणायाम नियमित 

तौर पर करनी चाहिए. इससे शरीर को निरोग रखने के साथ साथ मानसिक रूप से भी व्यक्ति मजबूत बनता है. ह्रदय में पवित्रता आती है और शरीर उर्जावान बनता है. उन्होंने बताया कि इसके सहारे हम ईश्वर के मार्ग में भी तेजी से आगे बढ़ते है.

उन्होंने महर्षि पतंजलि की चर्चा करते हुए कहा कि उनके दिए सूत्र “योगस्चित्त्त्वृति निरोधः” मानव को सन्मार्ग पर ले जाने की प्रेरणा देता है. उन्होंने कहा कि इसका अर्थ स्पष्ट है कि योग से चित्त की वृतियों का निरोध होता है. इसके माध्यम से ही हम स्वयं पर नियंत्रण कर सकते हैं. हममे दुर्गुण नहीं आते है और मन व बुद्धि निर्मल होती है. इससे हमारा संसार व अध्यात्म  दोनों संवरता है. स्वामी जी ने कहा कि हमें अपने ईष्ट मित्रों को

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 भी इसे अपनाने के लिए प्रेरित करना चाहिए.

इस आयोजन के संयोजक संजीवनी एक प्रयास मानवता की ओर सामाजिक संस्था के अध्यक्ष सतीश ग्रोवर थे। इस अवसर पर रेजिडेंट वेलफेयर सेक्टर 3 ,5 और 6 के अध्यक्ष दिनेश वशिष्ठ सहित सभी पदाधिकारी एवं गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे.

 

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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