परिवार के बुजुर्गों के अनुभव से सीखें युवा : कविता जैन

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साप्ताहिक चरित्र निर्माण शिविर के समापन समारोह में महिला एवं बाल विकास मंत्री

 
चंडीगढ़, 11 जून :  हरियाणा की महिला एवं बाल विकास मंत्री कविता जैन ने युवाओं का आह्वान किया कि वह साहित्यिक गतिविधियों के साथ परिवार के बुजुर्गों के पास समय बिताएं ताकि वे समय-समय पर जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव के साथ सामंजस्य स्थापित कर सके।  
 
कविता जैन आज सोनीपत में हिंदू सीनीयर सेकेंडरी स्कूल कोर्ट रोड के छात्रावास में आर्य वीरदल द्वारा आयोजित साप्ताहिक चरित्र निर्माण शिविर के समापन अवसर पर युवाओं को सम्बोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि ग्रीष्मावकाश का इससे बेहतर सदुपयोग नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि वर्तमान की भागदौड़ भरी जिंदगी तथा गैजेट्स में गुम रहने वाले युवाओं को हमें जागरूक करते हुए उनके चरित्र का निर्माण करना होगा, तभी हमारे समाज और देश का निर्माण संभव हो सकेगा। 
 
श्रीमती जैन ने कहा कि लंबा समय टेलिविजन, मोबाइल, सोशल मीडिया तथा मौज-मस्ती में बिताने की बजाय अपने संस्कार में बढ़ोतरी करने तथा समाज के प्रति अपने दायित्व को निभाने के मूल मंत्र सीखना अच्छा प्रयास है। उन्होंने कहा कि आज का युवा हमारे देश के भविष्य का नीति-निर्धारक है। एक कच्चे घड़े की तरह इस युवा पौध को संस्कारित बनाना पूरे समाज का दात्यिव बनता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय की परिस्थितियों में देश को बाहरी तथा अंदरूनी स्तर पर असामाजिक तत्वों से खतरा है, जिसे देश का संस्कारवान युवा ही सामना करते हुए दूर कर सकता है।
 
उन्होंने कहा कि चरित्र निर्माण से न केवल अच्छे सामाजिक वातावरण का निर्माण होता है, अपितु देश के भविष्य का खाका भी तैयार होता है। उन्होंने आर्य वीरदल सोनीपत के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि भविष्य के युवाओं को स्वाध्याय, व्यायाम, योग तथा संस्कार के साथ बेहतर नागरिक बनाने से राष्ट्र को लंबे समय तक लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि हम सब को मिलकर बचपन संवारना चाहिए। 

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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