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मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने केन्द्रीय वित्त मंत्री से की थी मांग
चंडीगढ़, 11 जून : वस्तु एवं सेवा कर परिषद द्वारा विभिन्न चार वैज्ञानिक उपकरणों पर जीएसटी (वस्तु एंव सेवा कर) की दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत किए जाने से वैज्ञानिक उपकरण निर्माण क्षेत्र के हरियाणा के उद्यमों को भी राहत मिली है। इस संदर्भ में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने केन्द्रीय वित्त मंत्री व वस्तु एवं सेवा कर परिषद के चेयरमैन अरूण जेटली को पत्र लिखकर अनुरोध किया था।
केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली की अध्यक्षता में आज नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में वस्तु एवं सेवा कर परिषद की 16 वीं बैठक में विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्रियों ने भाग लिया। हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने परिषद की बैठक में हरियाणा का प्रतिनिधित्व किया। परिषद की बैठक में मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म ईकाइयों के हितों के संरक्षण के संदर्भ में भी गहन विचार-विमर्श हुआ।
बैठक के उपरांत हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने बताया कि आज हुई वस्तु एंव सेवा कर परिषद की 16 वीं बैठक में विभिन्न चार वैज्ञानिक उपकरणों पर वस्तु एंव सेवाकर (जीएसटी ) की दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत किए जाने से इस क्षेत्र के उद्यमों का सरंक्षण हो सका है। उन्होंने बताया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री ने इस संदर्भ में केंद्रीय वित्त मंत्री व वस्तु एंव सेवा कर परिषद के चेयरमैन अरूण जेटली को पत्र लिखकर अनुरोध किया था। जिन वैज्ञानिक उपकरणों पर जीएसटी की दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत की गई है,उनमें मैजरमेंट रॉड्स, टेप्स, माइक्रोमीटरस व कैलीपर्स शामिल हैं। इससे हरियाणा के अंबाला के वैज्ञानिक उपकरण निर्माण उद्यमों के हितों का संरक्षण हो सका है।
हरियाणा के वित्त मंत्री ने बताया कि वस्तु एंव सेवा कर परिषद की बैठक में मध्यम, लघु व सूक्ष्म उद्यमों की सीमा (टर्नओवर) 50 लाख रुपए से बढ़ाकर 75 लाख रुपए किए जाने से इन श्रेणियों के उद्यमों को कंपोजिट स्कीम के अंतर्गत लाभ होगा।
वस्तु एंव सेवा कर परिषद की 16वीं बैठक में हरियाणा के आबकारी एंव कराधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल, हरियाणा के आबकारी एंव कराधान आयुक्त श्यामल मिश्रा व उप आबकारी एंव कराधान आयुक्त राजीव चौधरी मौजूद रहे।