कांग्रेस का अलग मेवात शिक्षा कैडर का गठन एक ऐतिहासिक कदम था:आफताब

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यूनुस अलवी

मेवात:पिछले बृहस्पतिवार का दिन मेवात जिले की शिक्षा वयवस्था व सैंकड़ों शिक्षकों व उनके परिवार के लिए बेहद खुशीयां लेकर आया कयोंकि अब जिले में पौने तीन साल पहले मैवात कैड़र में चयनित हूए 887 जेबीटी अध्यापकों की नियुक्ति होने जा रही है। इससे अध्यापकों के घरों में खुशी का माहौल है। कांग्रेस कार्यकाल में मेवात कैडर में हुई 1072 चयनों में से अभी 887 को नियुक्ति दी जा रही है।
 
    2012 में कांग्रेस पार्टी की हुड़ड़ा सरकार ने चौधरी आफताब अहमद की पुरज़ोर मांग व आह्वान पर मेवात की शिक्षा को सुधारने के लिए देश के इतिहास में पहली बार किसी जिले के लिए अलग कैड़र की स्थापना की थी।उस दौरान मेवात के स्कूलों के लिए लगभग एक हज़ार शिक्षकों की भर्ती की गई थी लेकिन सरकार बदलने के साथ  मामला कोर्ट पहुंच गया था जिसमें अब फैसला शिक्षकों के हक में आया है। भाजपा सरकार नें बदनियती से शिक्षकों की नियुक्ति को पौने तीन बरस तक लटकाए रखा। खट्टर सरकार की मंशा मेवात कैडर को खत्म व निष्क्रिय करने की ही रही है।
 
    मेवात कैड़र के तहत हुई इन नियुक्तियों से मेवात जिले की शिक्षा व्यवस्था में भी अभूतपूर्व सुधार होगा। जिला मुख्यालय पर ज्वाइन हुए 887 जेबीटी अध्यापकों की नियुक्ति से जिले में वर्षों से चली आ रही अध्यापकों की कमी अब दूर होगी बल्कि इससे जिले की शिक्षा की स्थिति में भी सकारात्मक सुधार आने की उम्मीद है। 
 
    मेवात कैड़र का गठन लगभग पांच साल पहले  2012 में चौधरी आफताब अहमद की मांग पर  किया गया था जिस  दौरान सैंकड़ों स्कूलों का दर्जा  बढाया गया था। प्राथमिक स्कूलों के लिए भी 543 उर्दू शिक्षकों के लिए पोस्ट निर्धारित की गई थी जिनमें से लगभग सौ का चयन कर के नियुक्ति भी कर दी गई थी, लेकिन सरकार बदलने के बाद भाजपा ने प्रकिया को ठण्डे बस्ते में डाल दिया था।
 
   पूर्व मंत्री चौधरी आफताब अहमद के कार्यकाल में लागू की गई बेहतर शिक्षा  योजनाओं के परिणाम ही हैं जो इतनी बड़ी तादाद में मेवात के लिए शिक्षक मिलें हैं। कयोंकि जिले में अध्यापकों की कमी का मुद्दा काफी समय से उठता रहा है, लेकिन मेवात कैड़र के गठन से निश्चित तौर पर शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव होगा। 
 
    मेवात के स्कूलों में शिक्षकों का घोर अकाल रहता था कयोंकि प्रदेश के अन्य जिलों के शिक्षक अपना तबादला करा कर अपने ज¸िले में वापस चले जाते थे जिससे मेवात की शिक्षा वयवस्था प्रभावित होती थी। लेकिन पूर्व मंत्री  चौधरी आफताब अहमद ने  पिछली कांग्रेस सरकार में उस वक्त के मुख्यमंत्री चौधरी भुपेंदर सिंह हुड़ड़ा से मेवात के लिए अलग कैडर बनवाया था जिसमें उस वक्त लगभग हजार शिक्षकों का चहन हुआ था । ये शिक्षक मेवात कैडर के अनुसार मेवात छोड़कर नहीं जा सकते हैं।
 
     मेवात में शिक्षा के प्रचार प्रसार का अधिकतम श्रेय पूर्व मंत्री व सांसद चौधरी खुर्शीद अहमद व उनके साहेबजादे  पूर्व मंत्री चौधरी आफताब अहमद को ही जाता है। 1980 में वो चौधरी खुर्शीद अहमद ही थे जिंहोने भावी शिक्षक बनाने के लिए  जेबीटी फिरोजपुर नमक समेत कई अन्य शिक्षण संस्थानों की स्थापना की थी। कांग्रेस की चौ भुपेंदर सिंह हुड़ड़ा सरकार में पूर्व मंत्री चौधरी आफताब अहमद ने अपने कार्यकाल में मेवात की शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल व अन्य जरूरी बुनियादी योजनाओं को बखूबी अमलीजामा पहनाया था। जिसमें कई तकनीकी कालेज, महिला कालेज, कई जेबीटी,ड़ीएड़ कालेज, मेड़िकल कालेज,कई आई टी आई, कई आरोही माड़ल स्कूल, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, इंजीनियरिंग कालेज, मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय विश्वविध्यालय व एम ड़ी यू के रिजनल सेंटर, मैथ व साइंस के स्कूल आदि प्रमुख हैं। इस दौरान स्कूली बच्चों की शिक्षा दर व दाखिलों में भी काफी बढौतरी हुए थी। लडकियों की तालीम के लिए किए गए प्रयास भी अत्यंत सराहनीय रहे हैं।
ये अहमद परिवार की ही शिक्षा नितीयों का हि असर है कि पुरे प्रदेश में सबसे ज्यादा प्राथमिक शिक्षक मेवात में हैं।
 
    मेवात कैडर बनने से बड़ा फायदा ये होगा कि अब अध्यापकों को एक साथ सैंकड़ों बच्चों को पढ़ाना नहीं  पड़ेगा। जिले में वो स्कूल जो बिना अध्यापकों के ही वैकल्पिक व्यवस्था के सहारे चल रहे थे उन्हें भी शिक्षक नसीब हो सकेंगे।

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