मनीष तिवारी ने अमरिंदर सिंह के बयान पर उठाया सवाल
नई दिल्ली: मतदान के लिए उपयोग की जाने वाली ईवीएम मशीन से छेड़छाड़ की बहस विपक्ष और सत्ता पक्ष से ज्यादा कांग्रेस के ही दो गुटों के बीच चरम पर है. पार्टी के बड़े नेताओं के बीच इस मशीन को भला और बुरा कहने की होड़ लगी हई है. कोई इसे अपने हक में बता रहे हैं यो कोई अपनी चुनावी दुर्गति के लिए इसे जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. चर्चा इस बात की जोरों पर है कि कांग्रेस में इस मुद्दे पर एका नहीं है. कांग्रेस नेतृत्व और पार्टी के प्रदेश स्तर के नेताओं की सोच इस मामले में अलग अलग दिखती है.
इस मुद्दे पर कांग्रेस के नेता आपस में भिड़ते नजर आ रहे हैं. पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह एक तरफ चुनाव आयोग की वकालत कर रहे हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने पंजाब के मुख्यमंत्री इस वक्तव्य पर सवाल खड़ा कर दिया है.
ईवीएम समर्थक उनके बयान को लेकर मनीष तिवारी ने आज अमरिंदर सिंह पर हमला बोल दिया. उन्हें तल्ख़ लहजे में याद दिलाया कि उन्होंने 2010 और 2011 में पंजाब परदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में यह दिखाया था कि कैसे ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है.
उन्होंने कहा कि जब 2010 और 2011 में अमरिंदर सिंह पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष थे उस वक्त उन्होंने ईवीएम से कैसे गोलमाल किया जा सकता, इसका प्रदर्शन किया था.
उल्लेखनीय है कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुधवार को कहा था कि अगर ईवीएम से छेड़छाड़ होती तो वह आज पंजाब में सरकार में नहीं होते. जाहिर है उनका यह रुख कांग्रेस नेतृत्व के उस रुख के पूरी तरह विपरीत है जिसमें कहा गया है कि इस मशीन से छेड़छाड़ संभव है.
गौरतलब है कि अमरिंदर सिंह बुधवार को कहा था कि अगर ईवीएम से छेड़छाड़ की गई होती तो मैं सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठा होता. यहां अकाली होते.
ध्यान देने वाली बात यह है कि इससे पूर्व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व कानून मंत्री वीरप्पपा मोईली ने भी इसे कोरी कल्पना बताया था. उन्होंने कहा था की राजनीतिक दल अपने हार का ढूढ़ रहीं हैं. अब पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह कांग्रेस के दूसरे वरिष्ठ नेता हैं जिन्होंने ईवीएम में छेडछाड को गलत बताया हैं जबकि कांग्रेस का आरोप है कि मशीन से छेड़छाड़ हुई है.
खबर है कि कांग्रेस ईवीएम की जगह पुराने मतपत्रों का इस्तेमाल करने की मांग कर रही है. पंजाब में विधानसभा की 117 सीटों में से 77 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज कर एक दशक से सत्ता में काबिज अकाली..भाजपा को बाहर का रास्ता दिखाया. इसके बावजूद कांग्रेस ने अन्य विपक्षी दलों के सुर में सुर मिला दिया है और आरोप लगाया है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से छेड़छाड़ कर ही उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में भाजपा ने विधानसभा चुनाव जीतने में सफलता पाई है.