⁠⁠⁠कवरेज पर गए पत्रकारों के साथ बदतमीजी की और कैमरा छीनकर तोडा

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: स्वास्थ्य विभाग की टीम गई थी अस्पताल : जनहित में खबर कवर करने पहुंचे थे पत्रकार

: निजीअस्पताल ऑस्कर के प्रबंधकों व कर्मियों ने प्रोफेशनल ड्यूटी करने में बाधा डाली 

: पुलिस मौके पर पहुंची व पीड़ित पत्रकारों की शिकायत दर्ज की

 ⁠⁠⁠कवरेज पर गए पत्रकारों के साथ बदतमीजी की और कैमरा छीनकर तोडा 2झज्जर 29 मार्च : सोनू धनखड़ :-     हरियाणा में पत्रकारों पर हमले करने की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है. कुछ दिन पूर्व राज्य के पलवल जिले में एक पत्रकार के साथ एक सनकी पुलिस वाले ने बदतमीजी की थी और अब जनहित में समाचार कवर करने गये पत्रकारों को अपनी प्रोफेशनल ड्यूटी अदा करने में बाधा डालने व उनके साथ बदसलूकी का एक और मामला फिर झज्जर में घटित हुआ है। निजी अस्पताल ऑस्कर में पड़े स्वास्थ्य विभाग के छापे को कवर करने पहुंचे पत्रकारों का कैमरा अस्पताल प्रबंधन व उनके कर्मियों ने तोड़ दिया व उनके छिना झपटी की एवं बदतमीजी की। अति गंभीर बात यह है कि अस्पताल प्रबंधन ने जनहित में खबर की कवरेज करने वाले पत्रकारों को उनके प्रोफेशनल ड्यूटी पूरी करने में बाधा डाली. मामले की सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची व पत्रकारों की शिकायत दर्ज की।

 

बुधवार को करीब 4 बजे ऑस्कर अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग की टीम औचक जाँच के लिए पहुंची थी। इस घटना की खबर पत्रकारों को लगी तो कुछ पत्रकार कवरेज के लिए ऑस्कर अस्पताल पहुंचे। वहां पर अस्पताल प्रशासन ने पहले तो दो पत्रकारों को अस्पताल परिसर से धक्के मारते हुए बाहर कर दिया। इसके बाद सामान्य अस्पताल के गेट पर खड़े अन्य दो पत्रकारों के पास जब अस्पताल प्रबंधन को वीडियो कैमरा नजर आया तो अस्पताल मालिको व उनके अधिकारियों ने अपने कर्मचारियों को भेजकर कैमरा छिनवा लिया। कई कर्मचारी कैमरा छीनकर अस्पताल के अन्दर जाने लगे तो अस्पताल प्रबंधन के उकसावे पर कर्मचारी ने जानबूझ कर कैमरा मेज पर पटक दिया जिससे कैमरा टूट गया।

 

इस अनैतिक व आपराधिक कृत्य का जब वहां मौजूद सभी पत्रकारों ने विरोध किया तो तो अस्पताल कर्मचारी ने जातिसूचक गालियां देते हुए एक पत्रकार का गला दबाते हुए जान से मारने की धमकी दी। वहां मौजूद अन्य लोगों ने बीच बचाव की कोशिश की.  इस घटना की सूचना पुलिस को दी गई। सूचना मिलते ही एएसपी शंशाक मौके पर पहुंचे और मामले की तहकीकात की. पूरे प्रकरण को समझने के बाद पत्रकार सुशील व मंजीत ने सिटी चौकी पहुंचकर पूरी घटना क्रम की लिखित शिकायत दी।

 

मामले की गंभीरता इस बात से समझी जा सकती है कि स्वास्थ्य टीम के साथ जांच करने पहुंचे डिप्टी सीएमओ राकेश का कहना है कि भारत सरकार की टीम आस्कर अस्पताल में जांच करने पहुंची थी। अस्पताल के सारे कागजात जब्त कर लिए गए हैं । इसकी जांच की जा रही है और जांच में मिले तथ्यों के आधार पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी. डिप्टी सीएमओ राकेश के बयान से स्पष्ट है कि इस अस्पताल के खिलाफ किसी गंभीर अनियमितता की शिकायत सरकार को मिली है और उसी सन्दर्भ में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने छपा मारा. जाहिर है अपनी खामियों को छिपाने के लिए ही उक्त अस्पताल प्रबंधन ने पत्रकारों के साथ बसलूकी की और उनके कैमरे तोड़े जिससे उनकी करतूत लोगों के सामने नहीं आ सके.

ऐसे संस्थानों की हमेशा कोशिश रहती है कि लोकतंत्र के इस चौथे स्तम्भ की आवाज को जबरन दबा दी जाये. गौरतलब है की पिच्च्ले दिनों बिहार में भी लगातार तीन पत्रकारों की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी और इस घटना से हतप्रभ होकर देश के पप्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रेस कौंसिल ऑफ़ इण्डिया के वर्षगाँठ कार्यक्रम में पत्रकारों की आवाज को इस तरह दबाने की खतरनाक प्रवृत्ति पर रोष व्यक्त किया था. लेकिन भाजपा शासित हरियाणा में भी लगातार इस तरह की घटनाएं चिंता पैदा करने वाली हैं.

 

फोन पर जानकारी देते हुए सीटी चौकी प्रभारी ने बताया है कि पत्रकार सुशील व मंजीत की और से उक्त अस्पताल कर्मियों के खिलाफ मारपीट करने व जान से मारने की धमकी देने तथा जातिसूचक शब्द कहने व कैमरा तोडऩे की शिकायत दी गयी है। मामले की जांच की जा रही है. जांच के बाद मामला दर्ज कर लिया जाएगा। 

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