कब्रिस्तान की जमीन का पट्टा देने पर गांव के लोगों में वक्फ बोर्ड के खिलाफ नाराजगी

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 पट्टे पर अदालत ने दी स्टे

 यूनुस अलवी
 
मेवात: हरियाणा वक्फ बोर्ड के अधिकारी लालच में आकर कब्रिस्तान कि जगह पर भी पटटा छोडने से नहीं चूक रहे हैं। जिसकी वजह से कस्बा पिनगवां के लोगों में वक्फ बोर्ड के अधिकारियों के खिलाफ भारी रौष है। वहीं वक्फ बोर्ड के अधिकारियो ने हाल ही में कस्बा पिनगवां कि करीब तीन सौ गज जमीन का पटटा गांव पिनगवां निवासी जफर, शहीद, इसलाम और इमरान के नाम कर दिया है। जबकी यह जमीन गैरमुम्किन कब्रिस्तान के नाम है। फिलहाल कब्रिस्तानों की देख-रेख कर रहे जमील और दिलदार ने अदालत से इस पर स्टे ले लिया है। उसके बावजूद भी आरोपी जबरजस्ती कब्रिस्तान कि जगह पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। 
 
   कस्बा पिनगवां में कब्रिस्तानों कि देख-रेख कर रहे जमील ने बताया कि आज से करीब 30 साल पहले कस्बा पिनगवां कि बहुत कि कम आबादी थी। मुस्लिमों कि आबादी के अनुसार मृतक लोगों को दफनाने के लिये सरकार कि ओर से कब्रिस्तानों को जगह छोडी हुई थी लेकिन दो दशक के दौरान अन्य गावों से आकर लोग कस्बा पिनगवां में बस गये हैं। जिनमें से कुछ लोग कब्रिस्तान कि जगह पर कब्जा करने कि नियत से वक्फ बोर्ड के अधिकारियो कि मिली भगत से कब्रिस्तान कि जगह का पटटा करा लाते हैं जबकी कानून कबिस्तान कि जगह का नेचर किसी भी कीमत पर बदला नहीं जा सकता है। 
 
  उन्होने बताया कि आली-पलवल गांव निवासी जफर, झांडा नूंह निवासी शहीद, अकबरपुर निवासी इसलाम और संगेल नूंह निवासी इमरान काफी समय पहले पिनगवां में आकर बस गये थे। अब इन लोगों ने कस्बा पिनगवां में कब्रिस्तान कि करीब 300 वर्ग गज जमीन का वक्फ बोर्ड के अधिकारियों से मिलकर पटटा करा लिया है जो गलत है। उन्होने बताया कि वक्फ बोर्ड द्वारा किये गये पट्टे पर अदालत ने उनकी अपील पर स्थाई स्टे दे दिया है। फिलहाल अदालत ने सुनवाई कि अगली तारीख 30 मार्च तैय कि है।   
 

क्या कहते है थाना प्रभारी

     पिनगवां थाना प्रभारी कुलदीप सिंह ने बताया कि उस जगह पर अदालत ने स्टे दे रखा है। अदालत का फैंसला आने तक किसी भी कीमत पर उस जमीन पर ना तो कब्जा करने दिया जाऐगा और ना ही कोई निर्माण करने दिया जाऐगा।

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