गुरुग्राम : मारूति उद्योग लिमिटेड के मानेसरप्लान्ट मे 18 जुलाई2012 को भडके श्रमिक आन्दोलन के दौरान मारूति के मानवसंसाधन विभाग के महाप्रबन्धक अवनीश कुमारदेव की हत्या कर दी गयी थी जोकि अतिज घन्य एवं निन्दनीय अपराधिक घटना थी। आज गुरूग्राम की अदालत ने 31 श्रमिको को दोषी करार दिया है। इस आदेश से उद्योगो को क्षति पहुचाने वाले नाकारात्मक प्रवृत्ति के श्रमिको मे एक कठोर संदेश जायेगा जो कि औद्योगिक सुरक्षा की दृष्टि से सकारात्मक होगा। यह विचार एनसीआर चैम्बर आफ कामर्स एण्ड इण्डस्ट्री गुडगांव के अध्यक्ष एच पी यादव ने जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से व्यक्त किया .
श्री यादव ने कहा है कि मारूति उद्योग उग्र प्रदर्शन एंव तोड़ फोड़ की घटना एवं जिस प्रकार कम्पनी के उच्च अधिकारी की निर्मम हत्या की गयी थी उसके बाद दक्षिणी हरियाणा के उद्योगो एवं वाणिज्य प्रतिष्ठानो में भय का माहौल पैदा हो गया था तथा सभी उद्योगपतियो एवं कर्मचारियो की निगाहे आज के कोर्ट के आदेश पर टिकी हुईथी। यह भ्रान्ती भी इस फैसले से दूरहो गयी कि भीड के रूप मे अपराध करने पर किसी के ऊपर भी कार्यवाही नही होती।
उन्होंने आशाजताई है कि श्रमिको के बीच इस फैसले से भविष्य मे ऐसी घटनाओ पर रोक लग सकेगी। जैसा कि हम जानते है इस घटना के बाद दक्षिणी हरियाणा में औद्योगिक असुरक्षा की भावना बढ़ गयी थी।दर्जनो कम्पनियो मे ऐसी घटनाए घटित हूई जिससे श्रमिक अकारण ही काम बंद कर देते थे तथा कार्यस्थल पर ही बिना किसी पूर्व सूचना के धरना प्रदर्शन शूरू कर दिया जाता था जिसका सीधा प्रभाव उद्योगो की प्रगति पर पड़ रहा था एवं कई उद्योग पलायन पर मजबूर हो गये थे।
उन्होंने कहा कि हमने पहले भी माँग की थी कि ‘‘कारखाना अधिनियम 1948’’ के प्रावधानो मे वर्तमानपरिपेक्ष कोध्यान मे रखते हुए समुचित संशोधनो की आवश्यकता है तथा इस संदर्भ मे उद्योगो मे सुरक्षा की भावना उत्पन्न करने के लिये एन सी आर चैम्बर द्वारा सदैव‘‘हरियाणा औद्योगिक शांति दस्ते’’ के गठन की माँग जाती रही है।
उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर इस फैसले से उद्योगो एवं वाणिज्य प्रतिष्ठानो मे सुरक्षा की भावना बढ़ेगी जो कि हमारे क्षेत्र के औद्योगिक विकास के लिए आवश्यक है। शायद इस फैसले से दिवंगत आत्मा तथा उनके परिवार को न्याय मिला है।