पुन्हाना में आयोजित महापंचायत का सर्वसम्मत फैंसला : खर्चीली शादी समारोह का होगा बहिष्कार
भात, मांढा, सगाई पर भी लगी पूर्ण पाबंदी
हरियाणा, उत्तप्रदेश, राजस्थान के हजारों लोग हुए शामिल
महिलाओं को इस्लामी हक दिलाने के लिये लोगों को किया जाएगा जागरूक
यूनुस अलवी
मेवात: मेवात में होने वाली शादियों को इस्लामी शादी बनाने और दहेज पर पाबंदी को लेकर रविवार को पुन्हाना में महापंचायत का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता राजस्थान मीलखेडला मदरसा के संचालक एंव शेखुल हदीस मोलाना राशिद ने की और स्टेज संचालन सहाब खां पटवारी सिंगार ने किया। महापंचायत में उलेमा, चौधरी, राजनेता सहित भारी संख्या में लोगों ने भाग लिया। पंचायत में दहेज से संबंधित कई कडे फैसले लिए गए। जो शादी शरियत के खिलाफ होगी उसमें कोई भी उलेमा, मुफ्ती, राजनेता और चौधरी भाग नहीं लेगा। पंचायत में जहां पूरानी रस्मों पर जमकर कैंची चली वहीं दहेज पर पूर्ण रुप से पाबंदी लगाने का आदेश पारित किया गया।
दहेज रहित शादियां बनाने का आह्वान किया गया। शादी के दौरान लडकी पक्ष इस्लामी तरीके से लड़की को खुद उसके ससुराल कर जाऐगा। इसके अलावा उन्होंने इस्लाम धर्म की ओर से महिलाओं को और बेटियों को दी जाने वाली उनकी विरासत उनका अधिकार दिलाने के लिए मुहिम चलाने का आह्वान किया। पंचायत के फैंसले को लागू करने के लिये गांव-गांव में कमेठी बनाने का निर्णय लिया गया। जिन लोगों ने दहेज लिया है खासतौर ने नेता और उमेला उसका हिसाब लगाकर बेटी वालों को वापिस करने कि कोशिश करें। जिससे समाज में अच्छा संदेश जाऐ। पंचातय के फैंसलों को मौजूद लोगों ने हाथ समर्थन किया।
इस मौके पर मौजूद विधायक रहीश खान ने कहा कि जो शादी शरियत के खिलाफ होगी और जिसमें दहेज का लेन-देन होगा वह उस शादी में भाग नहीं लेगा। विधायक के इस फैंसले का सभी ने स्वागत किया। मुफ्ति जाहिद हुसैन, मुफ्ति सलीम, शेखुल हदीस मोलाना राशिद ने कहा कि इसलाम धर्म में शादी बहुत ही आसान है। शरियत में कहीं भी दहेज देने और लेने का प्रावधान नहीं है बल्कि शरियत में बेटियों को पिता कि जमीन यादयाद में से हिस्सा दिया जाता है। लोगों को चाहिये कि वे बेटियों को उनका हक दें। आज दहेज कि वजह से काफी बेटियों कि शादी नहीं हो रही है तो वहीं कम दहेज देने कि वजह से बेटियां छोडी जा रही हैं।
इस मौके विधायक रहीश खान, पूर्व विधायक जलेब खां, पूर्व विधायक अजमत खां, पूर्व विधायक शहीदा खान, पूर्व विधायक हबीबुर्रमान, सहाब खां पटवारी, इब्राहीम इंजिनियर, अखतर हुसैन, मुफित सईद, ऐजाज काटपुरी, तारीफ जिला पार्षद, सरफूदीन मेवाती, आसिफ अली चंदेनी, नसरू मैनेजर, तौसीफ सहित काफी प्रमुख लोग मौजूद थे।
पंचायत के फैंसले जिन पर मोहर लगी :
: सगाई कि रस्म खत्म कर निकाह जाऐ
: लडकी के परिजन खुद उसकी ससुराल पहुंचऐगें
: जरूरत पडी तो बारात कि जगह केवल 11 मेहमान बुलाऐगें जाऐगें
: चिटठी भेजने पर पाबंदी, शादी कि तारीख दोनो पक्ष बेठकर तैय करेगें
: निकाह का मेहर साडे तीन तोला चांदी से अधिक नहीं होना चाहिये
: शादी में मांढा, जूडा घिराई, सलाम, पंचायती और मस्जिद का सामान लाने पर पाबंदी
: आतिशबाजी और डीजे बजाना पूरी तरह बंद
: दहेज का नाम खत्म केवल बेटी का हक देना होगा
: शरियत के खिलाफ होने वाली शादी में कोई नेता, चौधरी और उलेमा भाग नहीं लेंगें
: जिन लोगों ने दहेज लिया है उसका हिसाब लगाकर बेटी वालों को वापिस करने कि कोशिश करें।
: गरीब और बेसहरा बेटियों कि शादी गांव के प्रमुख लोग मिलकर करायें जिससे बेटी बोझ ना बने
: पंचायत के फैंसलों कि खिलाफवर्जी करने वालों को उलेमा और चौधरी समझाने का काम करेगें।
: फैंसला लागू करने के लिये गांव-गांव में कमेठिया गठित होगीं