इम्पोर्टेड विदेशी शराब के लाईसैंस की होगी नीलामी
जोन के आधार पर आवंटित किये जाएंगे ठेके
राष्ट्रीय व राज्य राजमार्गों के 500- मीटर तक नहीं खुलेंगे ठेके
प्रदेश के 185 ग्राम पंचायतों में नहीं खोले जायेंगे ठेके
चण्डीगढ़ : हरियाणा के आबकारी एवं कराधान मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने आज वर्ष 2017-18 के लिए राज्य की नई आबकारी नीति की घोषणा की, जिसमें देसी शराब (सीएल) तथा अंग्रेजी शराब (आईएमएफएल) के लिए रिटेल आउटलेटस की संख्या और कोटा वही रखा गया है, जो चालू वित्त वर्ष में था। इसके अलावा, विभाग ने शराब के ठेके बंद करने के 185 ग्राम पंचायतों के प्रस्तावों को भी स्वीकार कर लिया है। इसलिए आगामी वर्ष में उनके क्षेत्रों में शराब का कोई ठेका नहीं खोला जाएगा, जबकि इस वर्ष ग्राम पंचायतों से शराब के ठेके बंद करने के केवल पांच प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। वर्ष 2017-18 के लिए भी प्रदेश में देसी व अंग्रेजी शराब के रिटेल आउटलेट्स की अधिकतम संख्या पहले की तरह 3500 रखी गई है।
कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस नीति को स्वीकृति प्रदान कर दी है, जो कुछ लचीले नियमों के साथ ईज आफ डूईंग बिजनेस सुनिश्चित करती है और इसका लक्ष्य प्रदेश में राजस्व को बढ़ाना है।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष शराब के ठेके को जोन के आधार पर आवंटित किये जाएंगे जबकि यह पहले ग्रुप के आधार पर आवंटित किये जाते थे। जोन में छ: शराब के ठेकों की अनुमति दी जाएगी, जिसमें आवंटी को स्वतंत्रता व स्वायतता दी गई है कि वह अपने जोन में कानूनी प्रावधानों और सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों के अनुसार शराब का ठेका स्थापित कर सकता है। सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों के अनुसार राष्ट्रीय राजमार्गों तथा राज्यीय राजमार्गों के दोनों ओर 500-500 मीटर तक किसी भी प्रकार की शराब के ठेके नहीं खोले जाएंगे। लाईसैंस आवंटी को यह भी स्वतंत्रता होगी कि वह अपने जोन के ठेकों में देसी शराब (सीएल) या अंग्रेजी शराब (आईएमएफएल) या दोनों बिक्री के लिए रख सकेगा।
जोन में दो उप-शराब ठेके की मिलेगी अनुमति
इसके अतिरिक्त, अवैध शराब की बिक्री को रोकने के लिए जोन में पहली बार दो उप-शराब ठेके (सब-वेंडस)खोलने की अनुमति भी दी गई है, जिसमें 10 लाख रुपये प्रति उप-शराब ठेके की निर्धारित फीस तय की गई है।
बार और पब के नियमों में कोई बदलाव नहीं
बार और पब पहले की तरह संचालित रहेंगे और सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों के तहत भारत के अटोरिनी जनरल और एडवोकेट जनरल के परामर्श के अनुसार राष्ट्रीय और राज्यीय राजमार्गों से 500 मीटर की दूरी बार और पब पर लागू नहीं होती है। एक अन्य के उत्तर में उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के परिणामस्वरूप लगभग 500 शराब के ठेके पुन: स्थापित होंगे, परंतु राज्य सरकार इस निर्णय का स्वागत करती है।
इम्पोर्टेड विदेशी शराब के लाईसैंस की नीलामी
उन्होंने कहा कि पहली बार सरकार ने निर्णय लिया है कि हरियाणा राज्य में आयातित विदेशी शराब (बोटलड इन ओरिजनल) की आपूर्ति के लिए लाईसैंस लेने हेतु निलामी की प्रक्रिया अपनाई जाएगी और बोली आमंत्रित की जाएगी ताकि राज्य सरकार को अधिक से अधिक राजस्व प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि सरकार को इससे 50 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व मिलने की संभावना है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य पंजाब की तुलना में बड़े अंतराल को कम करने के लिए सरकार सीएसडी कैंटीन के माध्यम से दी जानी वाली शराब की डयूटी को भी तर्कसंगत बनाने का काम कर रही है।
तुलनात्मक चार्ट इस प्रकार से है:-
आईटम हरियाणा में वर्तमान दरें पंजाब मूल्यांकन फीस 2017-18 वर्तमान में हरियाणा और पंजाब में लेवी का अंतर हरियाणा में नई दरें नई दरों के पश्चात पंजाब से अंतराल
रम 42.50 रुपये प्रति पीएल 127 रुपये प्रति पीएल 84.15 रुपये प्रति पीएल 85 रुपये प्रति पीएल 42 रुपये प्रति पीएल
आईएमएफएल 90 रुपये प्रति पीएल 375 रुपये प्रति पीएल 285 रुपये प्रति पीएल 235 रुपये प्रति पीएल 140 रुपये प्रति पीएल
वाइन कंटेंटस आफ स्प्रिट अप-टू 25 3 रुपये प्रति बीएल 16 रुपये प्रति बीएल 13 रुपये प्रति बीएल 10 रुपये प्रति बीएल 6 रुपये प्रति बीएल
वाइन में 25 से अधिक स्प्रिट कंटेंटस 4 रुपये प्रति बीएल 16 रुपये प्रति बीएल 12 रुपये प्रति बीएल 10 रुपये प्रति बीएल 6 रुपये प्रति बीएल
बीयर 15 रुपये प्रति बीएल 72 रुपये प्रति बीएल 57 रुपये प्रति बीएल 44 रुपये प्रति बीएल 28 रुपये प्रति बीएल
देसी 8 रु. जबकि अंग्रेजी शराब 40 रु. महंगी
देसी शराब (सीएल) तथा अंग्रेजी शराब (आईएमएफएल) पर कर (डयूटी) तर्कसंगत किये गए हैं और करों की विभिन्न नई श्रेणियां शुरू की गई हैं। देसी शराब पर आबकारी कर की दर 20 रुपये प्रति पीएल से बढ़ाकर 28 रुपये प्रति पीएल किया गया है। अंग्रेजी शराब (आईएमएफएल) की चार श्रेणियों पर आबकारी कर 40 रुपये प्रति पीएल से बढ़ाकर 70 रुपये प्रति पीएल किया गया है। ये दरें एक्स डिस्टलरी प्राइज के अनुसार सात श्रेणियों पर 45 रुपये प्रति पीएल से 200 रुपये प्रति पीएल संशोधित की गई हैं। बीयर पर डयूटी की दरें 25 रुपये से 40 रुपये प्रति बीएल थी जो अब 31 रुपये से 36 रुपये प्रति बीएल की गई हैं। इसी प्रकार, वाइन पर डयूटी की दर 10 रुपये निर्धारित की है जबकि पहले यह तीन रुपये और चार रुपये प्रति बीएल थी।
शराब की न्यूनतम रिटेल दरों में भी वृद्धि
डयूटी के बदलाव के मद्देनजर शराब की न्यूनतम रिटेल दरों को भी तर्कसंगत किया गया है। कुछ जाने-माने ब्रांड की दरों की सूची:-
क्रम संख्या शराब का ब्रांड वर्तमान दर (प्रति बोतल) नई दर (प्रति बोतल)
1 देसी शराब (सीएल) 120 130
2 रोयल स्टैग, मैकडवल नम्बर 1 इत्यादि 380 450
3 सिग्नेचर विहस्कि, सिमरनआफ वोदका, ब्लंडरस प्राइड इत्यादि 500 600
4 एंटीकुटी ब्लू, मैकडवल सिंगल माल्ट इत्यादि 750 850
5 ब्लैक डॉग 8ईयरस, टीचर, ब्लैक एंड व्हाइट इत्यादि 1300 1500
6 बीयर (माइल्ड बीयर) 60 65
बीयर (स्ट्रांग बीयर) 70 75
कैनड बीयर (लाइट) 70 75
कैनड बीयर (स्ट्रांग) 80 85
बार का लाइसेंस लेना भी अब महंगा
उन्होंने कहा कि बार की वार्षिक लाईसैंस फीस की भी बढ़ौतरी की गई है, गुरुग्राम में बार की लाईसैंस फीस 12.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये की गई है। फरीदाबाद में बार की लाईसैंस फीस 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये की गई है और राज्य के अन्य जिलों में बार की लाईसैंस फीस 7.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 9 लाख रुपये की गई है।
शराब पर वैट दर में वृद्धि
कैप्टन अभिमन्यु ने बताया कि शराब पर वैट की दरों में 10 प्रतिशत प्लस 5 प्रतिशत सरचार्ज की दर में भी संशोधन किया गया है।
क देसी शराब (सीएल) में 13 प्रतिशत प्लस 5 प्रतिशत सरचार्ज की दर।
क बीयर में 13.5 प्रतिशत प्लस 5 प्रतिशत सरचार्ज की दर।
क आईएमएफएल में 14 प्रतिशत प्लस 5 प्रतिशत सरचार्ज की दर।
देसी शराब की कोटा ट्रांसफर फीस घटी
उन्होंने कहा कि देसी शराब के मामले में कोटा ट्रांसफर फीस को 9 रुपये प्रति प्रूफ लिटर कम किया गया है और अंग्रेजी शराब (आईएमएफएल) के मामले में छ: रुपये प्रति प्रूफ लिटर कम किया गया है। उन्होंने बताया कि देसी शराब (सीएल) तथा अंग्रेजी शराब (आईएमएफएल) की आबकारी डयूटी को भी तर्कसंगत किया गया है।
शराब की तस्करी पर रोक के लिये एन्फोर्समेंट विंग
उन्होंने बताया कि शराब की तस्करी और गैर-कानूनी बिक्री को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाते हुए विभाग द्वारा एक एन्फोर्समेंट विंग स्थापित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि लाईसैंसधारकों को प्रत्येक 1000 रुपये से अधिक की बिक्री के लिए बिल जारी करना जरूरी होगा और यदि इससे कम की राशि है तो उपभोक्ता द्वारा मांगे जाने पर उन्हें बिल दिया जाएगा।
इस अवसर पर आबकारी एवं कराधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल, आबकारी एवं कराधान आयुक्त श्यामल मिश्रा के अलावा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।