भरत मुनि दिवस पर ‘एक और द्रोणाचार्य’ का मंचन

Font Size

संस्कार भारती की पंडित लखमीचंद इकाई का आयोजन

 महेंद्र कक्कड़ के निर्देशन में ‘शंकर शेष’ रचित नाटक मंचन 

भरत मुनि दिवस पर 'एक और द्रोणाचार्य' का मंचन 2गुरुग्राम : संस्कार भारती कला एवं नाट्य की अखिल भारतीय संस्था ने कल भरत मुनि दिवस पर देश भर में २०० नाटको का मंचन किया जिसमे हरियाणा प्रान्त के सात जिलो में एक साथ एक ही समय पर नाटको का मंचन किया गया | मीडिया प्रभारी प्रमोद पारीक ने बताया कि  इसी कड़ी में संस्कार भारती की गुरुग्राम इकाई पंडित लखमीचंद इकाई ने महेंद्र कक्कड़  के निर्देशन में शंकर शेष द्वारा लिखित“एक और द्रोणाचार्य” नाटक का मंचन बाल भवन सेक्टर -4 गुरुग्राम में किया |

नाटक के हर संवाद पर तालियों की गड़गड़ाहट से गूँज उठा ऑडिटोरियम

नाटक में दिखाया गया की किस प्रकार गुरु द्रोणाचार्य राजा द्रुपद से अपने अपमान का बदला लेता है और साथ ही किस प्रकार अश्वथामा की मृत्यु का झूठा समाचार सुनकर गुरु द्रोणाचार्य का वध किया जाता है| दर्शको से खचाखच भरा ऑडिटोरियम नाटक के हर एक संवाद पर तालियों की गडगडाहट से गूँज उठा और कई बार ऐसे पाल भी आये जब दर्शक भाव विभोर हो गए |नाटक में सभी कालकारो ने अपनी अद्भुत कला का परिचय दिया और अपनी कला से दर्शको को बांधे रखा |

 महेंद्र कक्कड़ जी का निर्देशन अविस्मरणीय रहेगा. इस नाटक ने दर्शको के दिलो पर अपनी एक अलग छाप छोड़ी . हर कोई नाटक खत्म होने के बाद कलाकारों की कला और निर्देशन की बधाई करते नहीं थक रहा था| इस कार्यक्रम में  अध्यक्षता शैलेन्द्र पांडेय  (प्रदेश सह प्रमुख प्रशिक्षण भाजपा), मुख्या अतिथि  अनुराग बक्शी (सदस्य वित् योग हरियाणा ),मुख्या अतिथि  गार्गी कक्कड़ (प्रदेश सचिव भाजपा) एवं हरविंद कोहली (जिला उपाध्यक्ष भाजपा) ने किया . सानिध्य मेजर दीनदयाल का रहा, डॉ.सुरेश वशिष्ठ (प्रांतीय नाट्य संयोजक) एवं हरियाणा कला परिषद के निदेशक  अजय सिंघल  भी नाटक मंचन के दौरान उपस्थित रहे |

कार्यक्रम में मंच सञ्चालन  यशवंत शेखावत (जिला संयोजक संसकर भारती) ने किया |नाटक के प्रारंभ में सुनील शर्मा ने धेय्य गीत एवं सरस्वती वंदना प्रस्तुत की| अजय सिंघल  ने भरत मुनि के बारे में दर्शको को बताया और कहा की आज हमे शेक्सपियर तो याद है लेकिन नाट्य के प्रणेता भरतमुनि के बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं | कार्यक्रम के समापन पर महेंद्र कक्कड़  ने अपने सभी साथी कलाकरों को उनकी मेहनत और नाटक की सफलता के लिए बधाई दी |

You cannot copy content of this page