सरकारी और निजी नशा मुक्ति केंद्रों में दी जा रही सुविधाओं का लिया जायजा, नशा मुक्ति के लिए प्रयासरत लोगों का बढ़ाया मनोबल
युवाओं से अपील: नशे से दूर रहें, सकारात्मक दिशा में लगाएं अपनी ऊर्जा
गुरुग्राम, 6 जनवरी। जिला उपायुक्त अजय कुमार ने सोमवार को जिले में स्थित नशा मुक्ति केंद्रों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने सरकारी और निजी नशा मुक्ति केंद्रों में दी जा रही सुविधाओं का जायजा लिया और वहां उपचार ले रहे व्यक्तियों से बातचीत कर उनका मनोबल बढ़ाया। उपायुक्त ने नशे के शिकार अन्य लोगों से अपील करते हुए कहा कि वह भी इन व्यक्तियों से प्रेरणा लें और नशा मुक्ति की दिशा में कदम बढ़ाएं।
उपायुक्त ने अपने निरीक्षण के दौरान सबसे पहले सेक्टर 31 स्थित सरकारी पॉलीक्लिनिक के नशा मुक्ति केंद्र का दौरा किया। यहां उन्होंने केंद्र की सुविधाओं और उपलब्ध उपचार सेवाओं की जानकारी ली। साथ ही यहां अन्य मरीजों को दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं की भी जानकारी ली। इसके बाद, उन्होंने निजी नशा मुक्ति केंद्रों का भी निरीक्षण किया। इसमें लाइसेंस प्राप्त जिले के सेक्टर 46, 47, 62 और पटेल नगर में स्थित नशा मुक्ति व रीहेबिलिटेशन सेंटर(पुनर्वास केंद्र) शामिल हैं।
उपायुक्त ने इन केंद्रों में नशा मुक्ति के लिए प्रयासरत लोगों से बात कर उनकी उपचार प्रक्रिया और उनके अनुभवों के बारे में जानकारी हासिल की। उपायुक्त ने नशा मुक्ति केंद्रों में चल रही विभिन्न थेरेपी और उपचार विधियों का मूल्यांकन किया। उन्होंने चिकित्सकों से नशे के शिकार लोगों की केस हिस्ट्री के बारे में जानकारी ली। साथ ही यह भी समझा कि इन लोगों के नशा मुक्ति प्रयासों के पीछे कौन से प्रेरणा स्त्रोत कारगर हैं। उपायुक्त ने इस दौरान यह भी सुनिश्चित किया कि केंद्रों में उपलब्ध सेवाएं और सुविधाएं सर्वोत्तम गुणवत्ता की हों।
इस निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य विभाग की ओर से डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. केशव शर्मा, मनोरोग चिकित्सक डॉ. अजय और समाज कल्याण विभाग की सहायक कंचन कथूरिया भी उपस्थित रहे। डॉ. केशव शर्मा और डॉ. अजय ने उपायुक्त को केंद्रों में दी जा रही उपचार सेवाओं और अन्य इलाज की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी।
सरकारी स्तर पर नशा मुक्ति केंद्रों की संख्या बढ़ाने के करेंगे प्रयास- उपायुक्त
उपायुक्त अजय कुमार ने इस अवसर पर बताया कि माननीय मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के दिशा-निर्देशों पर जिला प्रशासन ने नशा मुक्ति के प्रयासों को और प्रभावी बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जिले में सरकारी नशा मुक्ति केंद्रों की संख्या बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि अधिक से अधिक लोगों को नशे से मुक्ति मिल सके और समाज में सकारात्मक बदलाव आए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का उद्देश्य न केवल नशे के शिकार लोगों को उपचार प्रदान करना है, बल्कि इस दिशा में जागरूकता फैलाना भी है, ताकि लोग नशे से बचने के लिए स्वयं पहल करें।
युवाओं से अपील: नशे से दूर रहें, सकारात्मक दिशा में लगाएं अपनी ऊर्जा
उपायुक्त ने जिले के युवाओं से अपील करते हुए कहा कि वे नशे से दूर रहें और अपनी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में लगाकर अपने जीवन के लक्ष्यों की प्राप्ति करें। उन्होंने कहा कि युवाओं का जीवन सबसे कीमती है और उन्हें इसे व्यर्थ नहीं करना चाहिए। नशा मुक्ति सिर्फ व्यक्तिगत जीवन को बेहतर बनाने के लिए नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र की तरक्की के लिए भी जरूरी है। उपायुक्त ने नशे के शिकार लोगों को प्रेरित किया कि वह जिले में स्थित नशा मुक्ति केंद्रों का उपयोग करें और नशे की गिरफ्त से बाहर निकलने का सकारात्मक प्रयास करें।