संस्कृत विवि में निष्पक्ष भाव से होगा काम : कुलपति

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 कार्यभार सम्भालाने के बाद सम्मान समारोह को किया सम्बोधित
सकारात्मक सोच से ही विकास सम्भव  : डा0 झा
छात्र व संस्था हित सर्वोपरि: डा0 पांडे

दरभंगा। संस्कृत विवि के कार्यवाहक कुलपति डा0 विद्याधर मिश्र ने गुरुवार को पदभार संभालने के बाद दरबार हाल में आयोजित सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि वे निष्पक्ष भाव से सभी कार्य करेंगे। राग,द्वेष,ईर्ष्या व लोभ से ही असंवैधानिक कार्य हो जाते हैं। खासकर संचिकाओं के निष्पादन में इसका विशेष ख्याल रखा जायेगा।
इस आशय की जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत प्र0 सिंह ने बताया कि मौके पर मौजूद सभी कर्मियों,शिक्षकों व पदाधिकारियों से वीसी डा0 मिश्र ने साफ कहा कि विश्वविद्यालय कुलपति का नहीं बल्कि छात्रों व शिक्षकों का होता है। आप सभी हमें सहयोग करें, हम आगे बढ़कर रहेंगे। वैसे आपलोगों के उत्साह व उमंग से साफ जाहिर होता है कि विवि का विकास होकर रहेगा। उन्होंने कहा कि तीन पीढ़ियों से हम विवि का नमक खा रहे हैं। समय आया है कुछ नया करने का प्रायास वे जरूर करेंगे। नियमानुकूल प्रोन्नति व बकाया राशि आदि भी देने का काम होगा। साथ ही उन्नत विचारों का वे हमेशा स्वागत करेंगे। इसके पहले पूर्व कुलपति डा0 अरविंद कुमार पांडे ने कहा कि छात्र व संस्था हित सर्वोपरि है।इसलिए छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने पर विचार करना ही होगा।

 

उन्होंने वीसी को आगाह किया कि नकारात्मक सोच वाले लोगों से दूर रहने की जरूरत है। इसके अलावा नए लोगों को भी काम का अवसर मिलना चाहिए ताकि अनुभवी लोगों की दूसरी पंक्ति खड़ी की जा सके। ऐसा करने से विवि के कार्यों की गतिशीलता बनी रहेगी। वहीं अध्यक्षीय भाषण देते हुए अपने विदाई समसरोह में तत्कालीन कुलपति डा0 देवनारायण झा ने यह कह कर सभी को चौका दिया कि विवि में कुछ लोगों का काम ही रह गया है आरोप लगाकर राजभवन फैक्स करना।

 

बेहतर होगा सकारात्मक सोच को बढ़ावा दें तभी विकास सम्भव है। उन्होंने कुलपति से अनुरोध किया कि उपशास्त्री कालेज के कर्मियों को भी प्रोन्नति मिलनी चाहिए। भावुक होते हुए उन्होंने कहा कि हमारा किसी से मतभेद हो सकता है लेकिन इसका असर विश्वविद्यालय पर नहीं पड़ना चाहिए। विश्वविद्यालय को बढ़ने दीजिये। यहीं से संस्कृत व संस्कृति दोनों विकसित होती है।इसलिए ऐसे लोग जरा दया करें। अंत में उन्होंने कहा कि वे विवि के उत्थान के लिए हमेशा तैयार रहेंगे। वहीं छात्र कल्याण अध्यक्ष डा0 श्रीपति त्रिपाठी ने कहा कि कर्मी व पदाधिकारी एकजुट होकर मन से कार्य करेंगे तो कुलपति की महत्ता और बढ़ जायेगी।
कार्यक्रम के अवसर पर तत्कालीन व कार्यवाहक दोनों कुलपति को डा0 अरविंद कुमार पांडे ने मंच पर बुके प्रादान कर स्वागत किया। मंच सञ्चालन व धन्यवाद ज्ञापन डा0 शशिनाथ झा ने किया। पूर्व कुलपति डा0 उपेन्द्र झा वैदिक, डा0 लक्ष्मीकांत झा,कर्मचारी रविन्द्र झा
समेत कई लोगों ने सम्बोधित किया।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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