-भारतीय नौसेना ने की मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान चलाने की तैयारी
नई दिल्ली : ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तट पर चक्रवात दाना के गंभीर प्रभाव की आशंका को देखते हुए , भारतीय नौसेना मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) अभियान चलाने की तैयारी कर रही है। दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल सरकार ने गुरुवार को घोषणा की है कि उसने शुक्रवार की सुबह संभावित चक्रवाती तूफान के मद्देनजर एक लाख से अधिक लोगों को निकाला गया है. इसके खतरे के मद्देनजर 80,000 से अधिक लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है.
बंगाल सरकार के बयान में कहा गया है, “चक्रवाती तूफान दाना के मद्देनजर पश्चिम बंगाल सरकार ने अब तक 1 लाख 59 हजार 837 लोगों को निकाला है और 83,537 लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया है.”
इधर पूर्वी नौसेना कमान ने आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में नौसेना अधिकारियों के प्रभारी (एनओआईसी) के साथ समन्वय में एक व्यापक आपदा प्रबंधन तंत्र को सक्रिय किया है। कमान बेस विक्टुअलिंग यार्ड (बीवीवाई), मैटेरियल ऑर्गनाइजेशन और नौसेना अस्पताल आईएनएचएस कल्याणी के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि राज्य प्रशासन द्वारा आवश्यक आपूर्ति और चिकित्सा सहायता मांगे जाने पर दिया जा सके ।
इस तैयारी के तहत आवश्यक कपड़े, पीने का पानी, भोजन, दवाइयाँ और आपातकालीन राहत सामग्री सहित एचएडीआर पैलेट को प्रभावित होने की आशंका वाले क्षेत्रों में सड़क मार्ग पर रखा गया है। इसके अलावा, बाढ़ राहत और गोताखोरों की टीमों को ज़रूरत पड़ने पर समन्वित बचाव और राहत कार्यों में सहायता के लिए जुटाया जा रहा है।
समुद्र से राहत प्रयासों में सहायता के लिए पूर्वी बेड़े के दो जहाज आपूर्ति तथा बचाव एवं गोताखोर टीमों के साथ खड़े हैं ।
भारतीय नौसेना स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है तथा चक्रवात दाना से प्रभावित नागरिक प्राधिकारियों और लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए पूरी तरह से तैयार है ।
भुवनेश्वर-चक्रवात दाना पर पूर्वी तट रेलवे के महाप्रबंधक परमेश्वर फुंकवाल ने कहा है कि “पूर्वी तट रेलवे चक्रवात का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कल पूर्वी तट रेलवे और दक्षिण-पूर्वी रेलवे के महाप्रबंधकों के साथ इस क्षेत्र की स्थिति की समीक्षा की थी . पूर्वी तट रेलवे और दक्षिण-पूर्वी रेलवे दोनों ने अच्छी तैयारी की है और हम अपनी आपातकालीन प्रतिक्रिया टीमों को वहां तैनात कर रहे हैं…हमने निर्णय लिया है कि कोई भी यात्री ट्रेन चक्रवात प्रभावित क्षेत्र में यात्रा नहीं करनी चाहिए.”