-हमारा कार्य उपकार नहीं साधना है – रमेश ओझा
समालखा, (हरियाणा) 20 सितम्बर: अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कार्यकर्ता सम्मेलन का उद्घाटन 20 सितंबर को हरियाणा के सेवा साधना एवं ग्राम विकास केंद्र, समालखा में गुजरात के प्रसिद्ध भागवत कथाकार पूज्य रमेश भाई ओझा के करकमलों द्वारा 10:30 बजे हुआ.
इस अवसर पर रमेश भाई ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अपने आशीर्वचन में कहा कि हम सभी को परमात्मा ने जीवन एक साथ जीने के लिए दिया है. जिंदगी को पार्टनरशिप में जीना चाहिए. भागवत में तीन संदेश है – मनुष्य को मनुष्य के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए, समग्र सृष्टि और जीव जंतु से कैसा व्यवहार करें और प्रकृति के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए. यह तीनों क्रियाएं मनुष्य के यज्ञ को ऊंचाइयों तक ले जाते हैं जो समाज के कल्याण और राष्ट्र निर्माण में सहायक होते हैं. उन्होंने कहा कि मैं सभी साधु-संतों को भी वनवासी क्षेत्रों में कथा और प्रवचन के लिए बोलते रहता हूं ताकि देश की अखंडता और एकता कायम रहे दूसरे विधर्मी वहां पहुंच कर उसका फायदा ना उठाएं.
प्रारंभ में सिक्किम की बहनों ने बुध्द प्रार्थना की प्रस्तुति है।
उद्घाटन अवसर पर मंच साझा कर रहे उद्घाटन के अवसर पर आर एस एस के सह-सरकार्यवाह रामदत्त जी ने कहा कि 3 वर्ष के पश्चात वनवासी कल्याण आश्रम के 75 वर्ष पूर्ण होने जा रहे हैं हम सभी कार्यकर्ता यहां से संकल्प लेकर जाएं की जिन जनजातियों में हमारा काम नही है वैसे जनजातियों के बीच भी हम कार्य का विस्तार करें.
मंच पर राष्ट्रीय जनजाति आयोग के अध्यक्ष अंतरसिंह आर्य, कल्याण आश्रम सत्येंद्र सिंह, उपाध्यक्ष एच के नागु एवं तेची गुबीन, महामंत्री योगेश बापट, संगठन मंत्री अतुल जोग, मध्यप्रदेश के जनजातीय सलाहकार समिति सदस्य उर्मिला भारती तथा हरियाणा इकाई के अध्यक्ष राम बाबु उपस्थित रहे।
सम्मेलन के उद्घाटन में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लद्दाख, जम्मू कश्मीर, पूर्वांचल और दक्षिण भारत के राज्यों सहित देश के सभी राज्यों से जनजाति प्रतिनिधि और कार्यकर्ता उपस्थित थे. इस तीन दिवसीय कार्यकर्ता सम्मेलन में 12 सत्रों में सभी कार्यकर्ताओं के साथ देश के विभिन्न भागों में वनवासी कल्याण आश्रम की गतिविधियों और कार्यक्रमों सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. प्रांतों के कार्यकर्ता अपने-अपने कार्यक्रमों का वृतकथन करेंगे और अधिकारियों का मार्गदर्शन भी प्राप्त करेंगे. विदित हो कि अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम विभिन्न प्रांतों में अपने संबद्ध इकाइयों के माध्यम से जनजाति समाज के सर्वांगीण विकास हेतु शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्राम विकास, स्वावलंबन इत्यादि के 22152 प्रकल्पों का संचालन देश के 17394 स्थानों पर कर रहा है. वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा प्रत्येक तीन वर्ष में अखिल भारतीय कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किया जाता है.
21 सितंबर को शाम 6-30 बजे आर एस एस के सरसंघचालक डाॅ. मोहन भागवत द्वारा उद्घाटन के पश्चात देश की 80 विभिन्न जनजाति प्रतिनिधियों के द्वारा उनके अपने रीति रिवाज और परंपरा के अनुसार अपनी जनजाति पूजा पद्धति का प्रदर्शन कर ‘‘एकता का संदेश’’ देंगे और जनजाति भैया-बहन सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे.
सम्मेलन स्थल पर वनवासी कल्याण आश्रम की प्रगति, उपलब्धियों और मुख्य कार्यक्रमों की चित्र प्रदर्शनी लगाई गई है साथ ही पुस्तकों की बिक्री केंद्र भी लगाई गई है.