नई दिल्ली : रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने 03 सितंबर, 2024 को 1,44,716 करोड़ रुपये की राशि के 10 पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों के लिए आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन) प्रदान की। एओएन की कुल लागत का 99 प्रतिशत हिस्सास्वदेशी स्रोतों से खरीद (भारतीय) और खरीद (भारतीय-स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित) श्रेणियों के तहत है।
भारतीय सेना के टैंक बेड़े के आधुनिकीकरण के लिए फ्यूचर रेडी कॉम्बैट व्हीकल्स (एफआरसीवी) की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। एफआरसीवी बेहतर गतिशीलता, सभी इलाकों में पहुंच सकने की क्षमता, बहुस्तरीय सुरक्षा, वास्तविक समय में स्थितिजन्य जागरूकता के साथ घातक एवं सटीक फायर करने की क्षमतासे लैस भविष्य का एक मुख्य युद्धक टैंक होगा।
एयर डिफेंस फायर कंट्रोल रडार की खरीद के लिए भी एओएन प्रदान की गई, जो हवाई लक्ष्य का पता लगाएगा एवं उसकी निगरानी करेगा और फायरिंग संबंधी समाधान प्रदान करेगा। इस प्रस्ताव को फॉरवर्ड रिपेयर टीम (ट्रैक्ड) के लिए भी मंजूरी दे दी गई है, जिसके पास मशीनीकृत संचालन के दौरान यथास्थान पर मरम्मत करने के लिए उपयुक्त देशव्यापी (क्रॉस कंट्री) आवागमन की सुविधा उपलब्ध होगी। यह उपकरण आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड द्वारा डिजाइन एवं विकसित किया गया है और मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री बटालियन तथा आर्मर्ड रेजिमेंट दोनों के लिए अधिकृत है।
भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) की क्षमताओं को उन्नत करने के लिए तीन एओएन प्रदान किए गए हैं। डोर्नियर-228 विमान, खराब मौसम की स्थिति में उच्च स्तर की परिचालन संबंधी सुविधाओं वाले अगली पीढ़ी के तेज गश्ती जहाजों और उन्नत तकनीक एवं लंबी दूरी के अभियान की बेहतर क्षमतासे लैस अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती जहाजों की खरीद से आईसीजी की निगरानी, समुद्री क्षेत्रमेंगश्त करने,खोज एवं बचाव और आपदा राहत अभियान की क्षमता में वृद्धि होगी।
बैठक के अंत में, रक्षा मंत्री ने भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) के दिवंगत महानिदेशक राकेश पाल, जो डीएसी के सदस्य भी थे, के प्रति सम्मान प्रकट किया। 18 अगस्त, 2024 को चेन्नई में दिल का दौरा पड़ने से महानिदेशक का निधन हो गया था। श्री राजनाथ सिंह ने आईसीजी के विकास एवं विस्तार में महानिदेशक राकेश पाल के उल्लेखनीय योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने शोक संतप्त परिवार के प्रति रक्षा मंत्रालय की ओर से हार्दिक संवेदना, प्रार्थना और अटूट समर्थन व्यक्त किया। एक गरिमापूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, डीएसी के सभी सदस्यों ने खड़े होकर एक मिनट का मौन रखा और दिवंगत डीजी राकेश पाल के प्रति सम्मान प्रकट किया, जिनकी विरासत निरंतर प्रेरणा देती रहेगी।