नई दिल्ली : एमएसएमई को केवल एक छोटे उद्यम के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, इसकी सोच छोटी या नकारात्मक नहीं होनी चाहिए क्योंकि एमएसएमई एक बड़ी ताकत हैं। वे सफल हैं, वे देश की ताकत हैं, लाखों देशवासियों को रोजगार देने के साथ राष्ट्र निर्माण में योगदान दे रहे हैं। यह बात केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज नई दिल्ली में 10वें भारत अंतर्राष्ट्रीय एमएसएमई स्टार्टअप एक्सपो और शिखर सम्मेलन 2024 में कही।
श्री गोयल ने कहा कि नवीन विचार और काम करने के नए तरीके एमएसएमई के उद्यमियों की पहचान हैं। उन्होंने कहा कि बड़े उद्योगों और उद्यमों के आसपास के पूरे परितंत्र में हजारों एमएसएमई शामिल हैं, जिनके बिना वे सफल नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि एमएसएमई बड़े उद्योगों के आपूर्तिकर्ता और ग्राहक दोनों के रूप में कार्य करते हैं।
श्री गोयल ने बताया कि एमएसएमई देश के पर्यटन और बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत के निर्यात में उनकी बड़ी हिस्सेदारी है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र का विकास देश के लिए महत्वपूर्ण है और सरकार के लिए फोकस क्षेत्र है। वाणिज्य मंत्री ने कहा कि जब 140 करोड़ देशवासी एकजुट होकर राष्ट्र निर्माण में योगदान देंगे तो भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बन जाएगा और हम सभी के लिए समृद्धि सुनिश्चित कर सकते हैं।
श्री गोयल ने यह भी बताया कि गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) के माध्यम से सरकार एमएसएमई क्षेत्र की मदद कर रही है। उन्होंने कहा, “हम एमएसएमई को जरूरतों को पूरा करने के लिए समय दे रहे हैं।” उन्होंने कहा कि एमएसएमई को दो कारणों से लाभ होगा। क्यूसीओ देश के बाहर से अजीब दरों पर आयातित घटिया वस्तुओं को रोकते हैं और इस प्रकार एमएसएमई क्षेत्र को अनुचित प्रतिस्पर्धा से बचाकर मदद करते हैं। और दूसरी बात, जब एमएसएमई मानकों को पूरा करते हैं, तो वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सकते हैं और लाभदायक बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस बात के कई उदाहरण हैं कि क्यूसी ने व्यक्तिगत क्षेत्रों को कैसे लाभ पहुंचाया है।