नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वारसॉ में भारतीय समुदाय द्वारा उनके सम्मान में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री का भारतीय समुदाय द्वारा विशेष उत्साह और गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री की पोलैंड यात्रा 45 वर्षों के बाद हो रही है और वह भारत-पोलैंड संबंधों को मजबूत करने के लिए राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा और प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क से मिलने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की जननी के रूप में भारत और उसके साझा मूल्यों के साथ पोलैंड दोनों देशों को करीब लाते हैं।
प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में भारतीय प्रवासी समुदाय द्वारा किए गए महत्वपूर्ण योगदान पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने ऑपरेशन गंगा की सफलता में उनकी भूमिका की भी सराहना की। उन्होंने इस समुदाय से भारत में पर्यटन का ब्रांड एंबेसडर बनने और इसकी विकास गाथा का हिस्सा बनने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कोल्हापुर के डोबरी महाराजा और मोंटे कैसिनो की लड़ाई के स्मारक दोनों देशों के लोगों के बीच जीवंत संबंधों के शानदार उदाहरण हैं। इस विशेष बंधन को और मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री ने जामसाहब मेमोरियल यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम नामक एक नई पहल की घोषणा की। इसके तहत हर साल 20 पोलैंड के युवाओं को भारत आमंत्रित किया जाएगा। उन्होंने गुजरात में भूकंप के दौरान पोलैंड द्वारा प्रदान की गई सहायता को भी याद किया।
प्रधानमंत्री ने पिछले 10 वर्षों के दौरान भारत द्वारा की गई परिवर्तनकारी प्रगति के बारे में बात की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत अगले कुछ वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने 2047 तक देश को एक विकसित राष्ट्र- विकसित भारत- बनाने के अपने दृष्टिकोण के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि पोलैंड और भारत नई प्रौद्यागिकी और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में अपनी साझेदारी बढ़ा रहे हैं और हरित विकास को बढ़ावा दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ यानी समूचा विश्व एक परिवार है, में भारत के विश्वास पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह देश को वैश्विक कल्याण में योगदान करने और मानवीय संकट के दौरान सबसे पहले प्रतिक्रिया देने के लिए प्रेरित करता है।