नई दिल्ली : सिविल-20 इंडिया 2023 की कार्यसमिति की बैठक आज नागपुर में शुरू हुई। बैठक में संचालन समिति के सदस्य, अंतर्राष्ट्रीय सलाहकार समिति के सदस्य और सिविल-20 इंडिया 2023 के कार्यकारी समूह के समन्वयक शामिल थे। रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी के उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे और सिविल-20 भारत सचिवालय संरक्षक बैठक में उपस्थित थे।
बैठक में उपस्थित संचालन समिति के सदस्यों में अमृता विश्व विद्यापीठम, भारत के अध्यक्ष स्वामी अमृतस्वरूपानंद, सेवानिवृत्त भारतीय राजदूत और सिविल-20 इंडिया, 2023 के शेरपा विजय के. नांबियार, विवेकानंद केंद्र की अखिल भारतीय उपाध्यक्ष निवेदिता भिडे, जेस्टोस ब्राजील और सिविल 20 इंडिया 2023 के ट्रोइका सदस्य एलेसेंड्रा निलो, लक्समबर्ग के पूर्व यूरोपीय न्याय आयुक्त मार्टीन रीचर्ट्स, राइजिंग फ्लेम्स की सह-संस्थापक और निदेशक निधि गोयल, सिविल 20 इंडिया 2023 के शेरपा आह मफ्तुचन और सिविल20 इंडिया 2023 के सूस-शेरपा स्वदेश सिंह शामिल थे। सिविल20 इंडिया 2023 के सूस शेरपा किरण डीएम भी बैठक में शामिल हुए।
बैठक में उपस्थित अंतरराष्ट्रीय सलाहकार समिति (आईएसी) के सदस्यों में द क्लिंटन हेल्थ एक्सेस इनिशिएटिव में क्लिनिकल डायरेक्टर डॉ. एंडी कारमोन, एशियाई विकास गठबंधन की क्षेत्रीय समन्वयक (एशिया) ज्योत्सना मोहन, द प्रकरसा, इंडोनेशिया से बिन्नी बुचोरी, ग्लोबल एडवोकेसी एंड पॉलिसी, एड्स हेल्थकेयर फाउंडेशन एएचएफ की निदेशक गुइलेर्मिना अलानिज, एलवीआईए, इटली के महासचिव रिकार्डो मोरो, अबोंग ब्राजील से पेड्रो बोक्का, सेवा इंटरनेशनल के ग्लोबल कोऑर्डिनेटर श्याम परांडे और इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ कल्चरल स्टडीज अध्यक्ष निदेशक डॉ. शशि बाला शामिल थे।
विजय नांबियार ने प्रतिनिधियों का स्वागत किया और स्वामी अमृतस्वरूपानंद से उद्घाटन भाषण देने का आग्रह किया। स्वामी अमृतस्वरूपानंद ने कहा कि जीवन में समय, प्रयास और दैवीय स्तुति सबसे आवश्यक तत्व हैं। उन्होंने कहा कि अध्यात्म जीवन का अभिन्न अंग है। स्वामी अमृतस्वरूपानंद ने कहा कि सरकार को आम आदमी की जमीनी स्तर की समस्याओं को सुनना चाहिए और उसका समाधान निकालना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी अपनी नीतियों के माध्यम से इस प्रयास में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं।
आह मफ्तुचन ने कहा कि जी20 के एक आधिकारिक जुड़ाव समूह के रूप में सिविल-20 अभी भी प्रासंगिक है और सामाजिक मुद्दों को शामिल करने में मदद करता है। उन्होंने कहा कि सिविल20 की महत्वाकांक्षाओं को और अधिक महत्वाकांक्षी होने की जरूरत है। सिविल-20 को भी ऐसी ठोस सिफारिशें देने की जरूरत है जो तकनीकी और राजनीतिक रूप से व्यवहार्य हों।
इसके बाद मंच चर्चा के लिए खोला गया और प्रतिभागियों ने सिविल-20 इंडिया वर्किंग ग्रुप्स की गतिविधियों और अवधारणा के बारे में टिप्पणियों पर अपने सुझाव और सिफारिशें दीं।