पीएम बोले : इंफ्रास्ट्रक्चर पर होने वाला निवेश, उससे भी अधिक निवेश को आकर्षित करता है
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे के दिल्ली-दौसा-लालसोट सेक्शन का लोकार्पण किया. इस अवसर पर प्रधान मंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर होने वाला निवेश, उससे भी अधिक निवेश को आकर्षित करता है। बीते 9 वर्षों से केंद्र सरकार भी निरंतर इंफ्रास्ट्रक्चर पर बहुत बड़ा निवेश कर रही है।आज दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के पहले चरण को राष्ट्र को समर्पित करते हुए मुझे बहुत गर्व हो रहा है। ये देश के सबसे बड़े और सबसे आधुनिक एक्सप्रेसवे में से एक है। ये विकसित होते भारत की एक और भव्य तस्वीर है। इस आधुनिक कनेक्टिविटी का लाभ सरिस्का टाइगर रिजर्व, केवलादेव और रणथम्भोर नेशनल पार्क, जयपुर, अजमेर जैसे अनेक पर्यटक स्थलों को भी होगा। देश और विदेश के पर्यटकों के लिए राजस्थान पहले ही आकर्षक रहा है, अब इसका आकर्षण और बढ़ जाएगा।
पीएम ने कहा कि जब ऐसी आधुनिक सड़कें बनती हैं, आधुनिक रेलवे स्टेशन, रेलवे ट्रैक, मेट्रो, एयरपोर्ट बनते हैं, तो देश की प्रगति को गति मिलती है। दुनिया में ऐसे अनेक अध्ययन हैं, जो बताते हैं कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर लगाई गई राशि, जमीन पर कई गुना ज्यादा असर दिखाती है। इंफ्रास्ट्रक्चर पर होने वाला निवेश, उससे भी अधिक निवेश को आकर्षित करता है। बीते 9 वर्षों से केंद्र सरकार भी निरंतर इंफ्रास्ट्रक्चर पर बहुत बड़ा निवेश कर रही है। राजस्थान में भी हाईवे के लिए बीते वर्षों में 50 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक दिए गए हैं। इस वर्ष के बजट में तो हमने इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 10 लाख करोड़ रुपए की व्यवस्था की है। ये 2014 की तुलना में 5 गुना अधिक है। इस निवेश का बहुत बड़ा लाभ राजस्थान को होने वाला है, यहां के गांव, गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को होने वाला है।
उनका कहना था कि जब सरकार, हाईवे-रेलवे, पोर्ट-एयरपोर्ट, उस पर निवेश करती है, जब सरकार ऑप्टिकल फाइबर बिछाती है, डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ती है, जब सरकार गरीबों के करोड़ों घर बनाती है, मेडिकल कॉलेज बनवाती है, सामान्य मानवी से लेकर व्यापार-कारोबार करने वालों तक, छोटी दुकान लगाने वालों से लेकर बड़ी इंडस्ट्री तक सभी को बल मिलता है। सीमेंट, सरिया, रेत, बजरी, ऐसे हर सामान के व्यापार से लेकर ट्रांसपोर्ट तक, हर कोई इससे लाभान्वित होता है। इन उद्योगों में अनेक नए रोज़गार बनते हैं। जब दुकान का कारोबार जरा फलता-फूलता है, तो उसमें काम करने वाले भी बढ़ते हैं। यानि जितना अधिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश होता है, उतना ही अधिक रोज़गार भी बनता है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के निर्माण के दौरान भी ऐसा अनेक लोगों को अवसर मिला है।
उन्होंने आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि ऐसे आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण का एक और पक्ष भी है। जब ये इंफ्रास्ट्रक्चर बनकर तैयार हो जाता है, तो किसान हों, कॉलेज-दफ्तर आने-जाने वाले लोग हों, ट्रक-टैंपो चलाने वाले लोग हों, व्यापारी हों, सबको अनेक प्रकार की सुविधाएं तो बढ़ती हैं, उनकी आर्थिक गतिविधि भी बढ़ती है। अब जैसे दिल्ली-दौसा-लालसोट के बीच, ये एक्सप्रेसवे बन गया है। अब जयपुर से दिल्ली के सफर में पहले जो 5-6 घंटे लगते थे, वो अब इसके आधे समय में हो जाएगा। आप सोचिए, इससे कितने बड़े समय की बचत होगी। इस पूरे क्षेत्र के जो साथी दिल्ली में नौकरी करते हैं, कारोबार करते हैं, अन्य काम के लिए आना-जाना होता है, वे अब आसानी से अपने घर शाम को पहुंच सकते हैं। ट्रक-टैंपो वाले साथी जो सामान लेकर दिल्ली आते-जाते हैं, उन्हें अपना पूरा दिन सड़क पर बिताना नहीं पड़ेगा। जो छोटे किसान हैं, जो पशुपालक हैं, वो अब आसानी से, कम खर्च में अपनी सब्जी, अपना दूध दिल्ली भेज सकते हैं। अब देरी होने की वजह से उनका सामान रास्ते में ही खराब होने का खतरा भी कम हो गया है।
दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे से आसपास के इलाके को होने वाले फायदे की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इस एक्सप्रेसवे के इर्द-गिर्द ग्रामीण हाट बनाए जा रहे हैं। इससे जो स्थानीय किसान हैं, बुनकर हैं, हस्तशिल्पी हैं, वे अपने उत्पाद आसानी से बेच पाएंगे। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से राजस्थान के साथ-साथ, हरियाणा, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के अनेक जिलों को बहुत लाभ होगा। हरियाणा के मेवात और राजस्थान के दौसा जिले ऐसे जिलों में कमाई के नए साधन तैयार होने वाले हैं। इस आधुनिक कनेक्टिविटी का लाभ सरिस्का टाइगर रिज़र्व, केवलादेव और रणथंभौर नेशनल पार्क, जयपुर, अजमेर, जैसे अनेक पर्यटक स्थलों को भी होगा। देश और विदेश के पर्यटकों के लिए राजस्थान पहले ही आकर्षक रहा है, अब इसका आकर्षण और बढ़ जाएगा।
पीएम मोदी ने कुछ नई सडकों के निर्माण की चर्चा करते हुए कहा कि इसके अलावा आज तीन और परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ है। इनमें से एक परियोजना जयपुर को इस एक्सप्रेस-वे से direct connectivity देगी। इससे जयपुर से दिल्ली तक का सफ़र सिर्फ ढाई-तीन घंटे का रह जाएगा। दूसरी परियोजना इस एक्सप्रेस-वे को अलवर के पास अंबाला-कोठपुतली कॉरिडॉर से जोड़ेगी। इससे हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर से आने वाली गाड़ियां पंजाब, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की तरफ आसानी से जा सकेंगी। एक और परियोजना लालसोट-करोली सड़क के विकास की है। ये सड़क भी इस क्षेत्र को ना सिर्फ एक्सप्रेस-वे से जोड़ेगी बल्कि क्षेत्र के लोगों का जीवन आसान बनाएगी।
उनका कहना था कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और Western Dedicated Freight Corridor, ये राजस्थान की, देश की प्रगति के दो मजबूत स्तंभ बनने वाले हैं। ये प्रोजेक्ट्स, आने वाले समय में राजस्थान सहित इस पूरे क्षेत्र की तस्वीर बदलने वाले हैं। इन दोनों प्रोजेक्ट्स से दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को ताकत मिलेगी। ये रोड और फ्रेट कॉरिडोर, हरियाणा और राजस्थान सहित पश्चिम भारत के अनेक राज्यों को बंदरगाहों से जोड़ेंगे। इससे लॉजिस्टिक से जुड़े, ट्रांसपोर्ट से जुड़े, भंडारण से जुड़े अनेक प्रकार के उद्योगों के लिए नई-नई संभावनाएं अभी से ही बननी शुरु हो जाएंगी।
इसके साथ ही इन्टरनेट सुविधा को मजबूत करने को लेकर प्रधान मंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि इस एक्सप्रेस-वे को आज पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान से भी शक्ति मिल रही है। गतिशक्ति मास्टरप्लान के तहत इस एक्सप्रेसवे में 5G नेटवर्क के लिए ज़रूरी ऑप्टिकल फाइबर बिछाने के लिए कॉरिडोर रखा गया है। बिजली के तारों और गैस पाइपलाइन के लिए भी जगह छोड़ी गई है। जो अतिरिक्त ज़मीन है, उसका उपयोग सौर ऊर्जा के उत्पादन और वेयरहाउसिंग के लिए उपयोग किया जाएगा। ये सारे प्रयास, भविष्य में करोड़ों रुपए बचाएंगे, देश का समय बचाएंगे।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी, गजेंद्र सिंह शेखावत और वी के सिंह भी मौजूद थे जबकि राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल सहित कई सांसद भी समारोह से जुड़े .