बजट से आम जनता के मुद्दे गायब, सिर्फ दिखावे का बजट : अशोक बुवानीवाला

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-जनता को बजट में सिर्फ गुमराह ही किया गया

चंडीगढ़। राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संघ के कार्यकारी अध्यक्ष एवं हरियाणा कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता अशोक बुवानीवाला ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किये गये आम बजट में ऐसा कुछ भी नहीं है, जिसे देशहित में कहा जा सके। बजट में आम जनता के मुद्दों को गायब करके सिर्फ गुमराह ही किया गया है।

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बजट में नौकरीपेशा के लिए कुछ नहीं, युवाओं को कुछ नहीं, किसानों को कुछ नहीं और उद्योगों को कुछ नहीं दिया गया। छलावे जैसा यह बजट पेश किया गया है। रक्षा क्षेत्र को लेकर बजट में कुछ नहीं कहा गया। महंगाई से देश की जनता पिस रही है, लेकिन महंगाई का म बोलने से भी वित्त मंत्री ने परहेज किया। जिस दौर में बजट पेश किया गया है, उस दौर में देश की जनता महंगाई से त्रस्त है। इसके बावजूद सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं गया। आज जनता के लिए टैक्स स्लैब में कोई राहत ना देकर फिर से जनता को सरकार ने ठगा है। यह बजट सिर्फ उन उद्योगपतियों की जेबें भरने वाला है, जिनके पास देश का 80 प्रतिशत राजस्व है।


श्री बुवानीवाला ने कहा कि बजट में मध्यम वर्ग का ध्यान रखने का प्रयास तक नहीं किया गया। जबकि मध्यम वर्ग ही सबसे अधिक टैक्स देता है। बजट में अर्थव्यवस्था में सुधार और रोजगार जैसे अहम पहलुओं से तो दूरी ही बनाई गई है। किसानों के साथ स्वास्थ्य सेवाओं की भी सीधे अनदेखी की गई है। इनकम टैक्स की बात करें तो मात्र तीन लाख रुपये सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं होना जनता पर कोई मेहरबानी नहीं कही जा सकती। क्योंकि सालाना तीन लाख से कहीं अधिक आय तो छोटे-छोटे उद्योगों में काम करने वालों की भी होती है। ऐसे में उसे टैक्स से कैसे छूट मिलेगी। 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत टैक्स, 16 लाख से अधिक आय पर 30 प्रतिशत और 10 करोड़ रुपये की आय पर भी सरकार 30 प्रतिशत ही टैक्स वसूलेगी। यह सही नहीं है।


किसानों को इस बार के बजट में न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलने का इंतजार था, जिसे सरकार ने बजट में शामिल ना करके किसानों से छलावा किया है। युवाओं के लिए रोजगार के लिए भी कुछ नहीं किया गया। स्वास्थ्य सेवाओं की तरफ भी ध्यान नहीं दिया गया। बड़े वायदे करने वाली भाजपा सरकार देश को किस दिशा में ले जा रही है, यह देश की जनता जान गई है। यह दिशाहीन बजट सरकार की ही दिशा बदलेगा।

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