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गुरूग्राम। पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने कहा कि अगिनपथ योजना भी तीन काले कानूनों की तरह चंद उद्दोग घरानोंं को फायदा देने के लिए बनाई गई है। पूरे देश के युवा इसका विरोध कर रहे हैं जब देश के युवा इस तरह की योजना को चाह ही नहीं रहे तो फिर केंद्र की भाजपा सरकार आखिर क्यों इस तरह की योजना देश के युवाओं को थोप रही है।
सरकार जान भूझकर युवाओं को मजबूर कर रही है कि वो इस तरह से रोडों पर आकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा सेना में 2 लाख से ज्यादा पद खाली पडे हैं पूरे कोरोना काल में सेना में कोई भर्ती नही हुई है। सरकार को चाहिए कि युवाओं को सेना में भर्ती के लिए आयु की छूट दी जाए और नियमित रूप से भर्ती की जाए ताकि युवाओं को रोजगार मिल सके और देश की सुरक्षा मजबूत हो सके।
श्री यादव ने कहा यदि 4 साल के लिए ठेके पर सैनिकों को भर्ती करेगें तो उसके बाद उनका भविष्य क्या होगा और देश की सुरक्षा में भी चूक हो सकती है तो अगिनपथ योजना किसी खतरे से कम नही है। यह स्कीम केवल तनख्वाह, पेंशन, हैल्थ बेनेफिट्स और कैंटीन सेवाओं आदि में कटौती करने के लक्ष्य से बनाई गई। वहीं शहीद इत्यादि होने पर मात्र 11 लाख रूपये ही मिलेगें। उन्होंने कहा अगिनपथ योजना से भाजपा सरकार पेंशन बंद करना चाहती है। इन्होंने खुद कहा था कि हम सेना को वन रैंक वन पेंशन देगें ये तो सारी पेंशन ही छिनना चाहती है।
केंद्र सरकार को इस सैनिक विरोधी अगिनपथ जैसी घातक योजना लागू करने की बजाय सेना की नियमित भर्ती करनी चाहिए। भाजपा की अग्निपथ योजना को सेना के तीनों अंगों की गरिमा और अनुशासन के साथ खिलवाड़ करार देते हुए उन्होंने कहा सरकार का यह कदम सेना की कार्यक्षमता और निपुणता से समझौता करने वाला है। मात्र 4 साल के लिए ठेके पर भर्ती होने वाले युवाओं का भविष्य क्या होगा। जो भर्ती होगें उनमें से 75 प्रतिशत वापिस आएगें वो क्या करेगें और हमारी सुरक्षा में भी सेंध लग सकती है। हमारे एक तरफ पाकिस्तान की सीमा और दूसरी तरफ चीन की सीमा है तो नियमित भर्ती पर पाबंदी लगाकर चार साल की ठेके की भर्ती करना क्या देशहित में है।