नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के एमएलए व मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने आज प्रेस वार्ता में बताया कि केंद्र सरकार ने दिल्ली के विधायकों की सेलरी और अन्य अलाउंस मिला कर कुल 90 हजार रूपये करने की संस्तुति दी है. अब तक यह राशि ₹54000 मासिक थी जबकि विकी पीडिया सहित अन्य पोर्टल्स पर 2 लाख 10 हजार मासिक दर्शाया गया है जो निराधार है .
उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में जब आम आदमी पार्टी की दिल्ली में सरकार बनी तो सरकार का यह मानना था कि किसी भी विधायक के लिए अपने क्षेत्र में पूरी तन्मयता के साथ काम करने की दृष्टि से सम्मानजनक वेतन मिले. ताकि वह बिना किसी बाहरी लोभ के काम कर सके। अपनी तनख्वाह के अंदर वह अपना गुजारा कर सकें और समाज सेवा में अपना पूरा समय दे सकें। उन्होंने कहा कि अगर हम किसी विधायक से यह उम्मीद करें कि वह विधायकी भी करें और अपना धंधा भी करें तो अपने काम के साथ वह न्याय नहीं कर पाएगा।
आप प्रवक्ता ने बताया कि जब वह विधायक बने तब दिल्ली में विधायक की सैलरी केवल ₹12000 मासिक थी। विधायकों के वेतन बढ़ाने का विधेयक दिल्ली विधानसभा से पारित कर 2015 में केंद्र सरकार की संस्तुति के लिए भेजा गया था . तब से लेकर अब तक वह बिल केंद्र सरकार के पास लंबित रहा। उन्होंने कहा कि तब से विधायक को सैलरी के अलावा ऑफिस अलाउंस, टेलीफोन अलाउंस और कुछ कन्वेंस अलाउंस मिलते हैं। कुल राशि ₹54000 मासिक विधायकों को दिल्ली में मिलती है। उन्होंने यह बताते हुए आश्चर्य व्यक्त किया कि दिल्ली के विधायकों की तनख्वाह के बारे में कई वेबसाइट पर ₹210000 मासिक दर्शाई गई है। उन्होंने कहा कि यहां तक कि विकिपीडिया की वेबसाइट पर भी यही जानकारी दर्शाई गई है जो सफेद झूठ है।
आप नेता ने बताया कि दिल्ली सरकार की ओर से भेजे गए प्रस्ताव पर अब केंद्र सरकार ने अपना सुझाव भेजते हुए कहा है कि विधायकों की सैलरी 12000 की बजाए ₹30000 मासिक, कांस्टीट्यूएंसी एलाउंस 25000 मासिक, कन्वेंस अलाउंस ₹10000 मासिक, टेलीफोन अलाउंस ₹10000 मासिक और सेक्रेटेरिएट अलाउंस ₹15000 मासिक करने को कहा है। इस नए सुझाव के अनुसार अब दिल्ली के विधायकों की सैलरी और अलाउंस मिलाकर कुल ₹90000 मासिक करने की संस्तुति दी गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अभी यह राशि बढ़ी नहीं है बल्कि इसके लिए निर्धारित प्रावधानों के तहत दिल्ली विधानसभा से प्रस्ताव पारित कर नोटिफाई करने के बाद ही यह लागू होगा।
आप नेता ने बताया कि देश के अन्य राज्यों में भी विधायकों की तनख्वाह की जानकारी उन्होंने जुटाई। उनका कहना था कि तेलंगाना में विधायकों की कुल सैलरी ढाई लाख रुपए मासिक, महाराष्ट्र में ₹232000 मासिक, उत्तर प्रदेश में ₹187000 मासिक, जम्मू कश्मीर में ₹160000 मासिक, उत्तराखंड में ₹107000 मासिक, आंध्र प्रदेश में ₹130000 मासिक, हिमाचल में ₹125000 मासिक, राजस्थान में भी ₹125000 मासिक, गोवा में विधायकों की कुल सैलरी ₹117000, हरियाणा में ₹115000 मासिक और पंजाब में ₹114000 मासिक है। इसी तरह अन्य राज्यों में भी है . उन्होंने सभी राज्यों के तुलनात्मक आंकड़े रखते हुए दावा किया कि दिल्ली में विधायकों की सैलरी सबसे कम है।
उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से दिल्ली के विधायकों की सैलरी के बारे में दुष्प्रचार किया जा रहा था जबकि हकीकत कुछ और ही थी .