नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज 100 दिवसीय पठन अभियान ‘पढ़े भारत’ का शुभारंभ किया। 100 दिवसीय पठन अभियान का शुभारंभ राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप किया गया है, जो स्थानीय/मातृभाषा/क्षेत्रीय/जनजातीय भाषा में बच्चों के लिए आयु के अनुसार पठन पुस्तकों की उपलब्धता सुनिश्चित करके बच्चों के लिए आनंदपूर्वक पठन संस्कृति को बढ़ावा देने पर जोर देता है।
Reading books is a healthy habit and a wonderful way to develop cognitive, language, and social skills.
Inspired by PM @narendramodi’s call to citizens to read books regularly, I am committed to cultivate a lifetime habit of book reading. #PadheBharat pic.twitter.com/XvwQ0Vsry8
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) January 1, 2022
अभियान की शुरुआत करते हुए मंत्री ने पढ़ाई के महत्त्व को रेखांकित किया कि बच्चों को निरंतर और आजीवन सीखते रहना चाहिए, इस तरह से उनका विकास करने की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि पढ़ने की आदत, अगर कम उम्र में पैदा की जाती है, तो यह मस्तिष्क के विकास में मदद करती है और कल्पना शक्ति को बढ़ाती है और बच्चों के लिए अनुकूल सीखने का माहौल प्रदान करती है।
श्री प्रधान ने जोर देकर कहा कि पढ़ना सीखने का आधार है, जो छात्रों को स्वतंत्र रूप से किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित करता है, रचनात्मकता, आलोचनात्मक सोच, शब्दावली और मौखिक तथा लिखित दोनों में अपने विचार व्यक्त करने की क्षमता विकसित करता है। उन्होंने कहा कि यह बच्चों को उनके परिवेश और वास्तविक जीवन की स्थिति से जोड़ने में मदद करता है।
उन्होंने एक सहायक वातावरण बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया जिसमें छात्र आनंद के लिए पढ़ें और अपने कौशल को एक ऐसी प्रक्रिया के माध्यम से विकसित करें जो आनंददायक और स्थायी हो और जो जीवन भर उनके साथ रहे।
श्री प्रधान ने उन 5 पुस्तकों के नाम साझा किए जिन्हें उन्होंने पढ़ने के लिए चुना हैउन्होंने सभी को किताबें पढ़ने की आदत अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया और सभी से किताबोंको साझा करने का आग्रह किया, जो वे पढ़ रहे हैं और उनसे अपने सुझाव देने के लिए भी कहा।
पढ़े भारत अभियान में बालवाटिका से कक्षा 8 तक पढ़ने वाले बच्चों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। पठन अभियान 1 जनवरी, 2022 से 10 अप्रैल, 2022 तक 100 दिनों (14 सप्ताह) के लिए आयोजित किया जा रहा है। पठन अभियान का उद्देश्य बच्चों, शिक्षकों, माता-पिता, समाज, शैक्षणिक संस्थानों आदि सहित राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर सभी हितधारकों की भागीदारी बढ़ाना है।
प्रति समूह प्रति सप्ताह एक गतिविधि को पढ़ने को मनोरंजक बनाने और पढ़ने की खुशी के साथ आजीवन जुड़ाव बनाने पर ध्यान देने के साथ तैयार किया गया है। इस अभियान को बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान मिशन के दृष्टिकोण और लक्ष्यों के साथ भी जोड़ा गया है।
100 दिनों का पठन अभियान मातृभाषा/स्थानीय/क्षेत्रीय भाषाओं सहित भारतीय भाषाओं पर भी ध्यान केंद्रित करेगा। इस संबंध में21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसे भी इस अभियान के साथ एकीकृत किया गया है। इस दिवस को बच्चों को उनकी मातृभाषा/स्थानीय भाषा में पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके देश भर में ‘‘कहानी पढो अपनी भाषा में’’ की गतिविधि के साथ मनाया जाएगा। इससे हमारे समाज की स्थानीय भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
इसलिए100 दिवसीय पठन अभियान की परिकल्पना छात्रों के साथ-साथ उनके स्कूलों, शिक्षकों, अभिभावकों और समुदायों को हर संभव तरीके से समर्थन और प्रोत्साहित करने और बच्चों को आनंदमय तरीके से सीखने के अनुभव के लिए पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए की गई है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग हमारे बच्चों के लिए मजबूत नींव बनाने के लिए इस अभियान में पूरे दिल से भाग लेने के लिए सभी हितधारकों को आमंत्रित करता है।