इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग उद्योग के 2025-26 तक 300 बिलियन अमरीकी डॉलर पहुंचने का लक्ष्य : अश्विनी वैष्णव

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चलाए गए “डिजिटल इंडिया” तथा “मेक इन इंडिया” जैसे दूरदर्शी कार्यक्रमों की वजह से ही भारत ने पिछले पाँच वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास किया है। इस दौरान इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की विकास दर 23% से भी अधिक रही है।

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय 29 नवंबर से 05 दिसंबर तक नई दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर में ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ का जश्न मना रहा है। आज़ादी का अमृत महोत्सव के इस कार्यक्रम के अंतर्गत एक दिसंबर का दिन भारत में ईएसडीएम (इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग) क्षेत्र की उपलब्धियों को सेलिब्रेट करने का दिन था। दिन की शुरुआत मोबाइल फोन एवं आईटी हार्डवेयर, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, उभरती हुई टेक्नोलॉजी और सेमिकंडक्टर्स जैसे चार प्रमुख क्षेत्रों पर पैनल चर्चा के साथ हुई। पैनल चर्चा के चार विषय निम्नलिखित बिन्दुओं पर आधारित थेः

  1. मोबाइल फोन और आईटी हार्डवेयर के क्षेत्र में उत्पादन को बढ़ाना और भारत को एक निर्यात हब बनाना।
  2. इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों के मामले में भारत को आत्मनिर्भर बनाना।
  3. भारत में सेमिकंडक्टर्स और डिस्प्ले इकोसिस्टम को विकसित करना।
  4. उभरती हुई टेक्नोलॉजी और नए दौर के उपकरणों के मामले में भारत को आत्मनिर्भर बनाना।

केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी, रेलवे और संचार मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव को पैनल चर्चा के परिणामों से अवगत कराया गया।

केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी, रेलवे और संचार मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने अपने भाषण के दौरान इस बात पर प्रकाश डाला कि आज पूरी दुनिया भारत की तरफ देख रही है और हमारे देश को एक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में मान्यता दे रही है।

उन्होंने कहा कि, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग उद्योग ने 2025-26 तक 300 बिलियन अमरीकी डॉलर के राजस्व को प्राप्त करने के प्रति प्रतिबद्धता दिखाई है, इससे मेरे आत्मविश्वास को बल मिला है। जब हम समीक्षा कर रहे थे कि हमारा लक्ष्य क्या होना चाहिए, उस समय 25% के लक्ष्य को प्राप्त करना भी असंभव लग रहा था, लेकिन आज मुझे लगता है कि 30% के लक्ष्य को भी हासिल किया जा सकता है। हम टेलिकॉम क्षेत्र का नेतृत्व कर रहे हैं। हमारा 5जी स्टैक दुनिया का पहला वर्चुलाइज़्ड 5जी स्टैक होगा। अब हम एक नए स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग करने के बारे में सोच सकते हैं, क्योंकि दुनिया अब उसी दिशा में आगे बढ़ेगी, जिस दिशा में हमारे देश की कंपनियां दुनियाभर के टेलिकॉम नेटवर्क को संभाल रही होंगी।

माननीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी, रेलवे और संचार मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए 18 ईएसडीएम कंपनियों को पुरस्कृत भी किया।

पुरस्कार प्राप्त करने वाली कंपनियों को सम्मानित करते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय के सचिव श्री अजय साहनी ने कहा कि, “हमने इलेक्ट्रॉनिक्स को काफी प्रोत्साहित किया है। वर्तमान दौर उम्मीद और विकास का है, और इस दौर में इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र को किसी भी हाल में नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। जब सभी हितधारक एक मंच पर आते हैं, तो इसका प्रभाव पूरी तरह से अलग होगा। दुनिया में कोई भी देश ऐसा नहीं कर सकता। दुनिया के किसी भी हिस्से में ऐसा कोई देश नहीं हो सकता, जहाँ सभी प्रकार की इलेक्ट्रॉनिक्स और पूर्ण स्वतंत्रता हो।

हम अपने आयात के लिए किसी और पर निर्भर नहीं रह सकते, निर्यात में काफी ज़्यादा प्रतिस्पर्धा है और हमें निर्यात के क्षेत्र में अग्रणी होना चाहिए। हमें ऐसे स्थान पर नहीं होना चाहिए जहाँ हम आयात पर निर्भर हों। हमें ऐसे स्थान पर पहुंचने की आवश्यकता है जहाँ कोई और हमारे निर्यात पर निर्भर हो। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि हम इस काम को एकसाथ मिलकर करें और टीम इंडिया के रूप में आगे बढ़ें: हम इंडिया मैन्युफैक्चरिंग ग्रुप के रूप में आगे बढ़ें।”

कार्यक्रम के दौरान ईएसडीएम और इमर्जिंग टेक्नोलॉजी क्षेत्र की 18 कंपनियों के साथ मिलकर एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया, जिसमें इन कंपनियों के इनोवेटिव

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