मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा मधुमक्खी पालन नीति-2021

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-कार्ययोजना 2021-2030 का किया शुभारंभ
– वर्ष 2030 तक शहद के उत्पादन को 10 गुना तक बढ़ाने का लक्ष्य

चंडीगढ़, 23 सितंबर :  हरियाणा में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज हरियाणा मधुमक्खी पालन नीति-2021 और कार्ययोजना 2021-2030 का शुभारंभ किया। हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री  जे. पी. दलाल भी शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वर्ष 2030 तक शहद के उत्पादन को 10 गुना तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित करें। उन्होंने अधिकारियों को किसानों को मधुमक्खी पालन शुरू करने के लिए प्रेरित करने के भी निर्देश दिए। इसके साथ ही, पहली बार मधुमक्खी पालन की पहल को अपनाने के लिए 5000 नए किसानों को प्रेरित करें, इसके लिए राज्य सरकार किसानों को सहायता प्रदान करेगी।

उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन के साथ-साथ किसानों को सूरजमुखी और सरसों जैसी वैकल्पिक फसलों की बुवाई के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शहद और इसके उत्पादों जैसे रॉयल जेली, बीवैक्स, प्रोपोलिस, मधुमक्खी पराग और मधुमक्खी विष की बिक्री से किसानों की आय कई गुना बढ़ जाएगी।

उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि मधुमक्खी पालन के माध्यम से अपनी आय बढ़ाने में मदद करने के लिए छोटे किसानों पर अधिक ध्यान केंद्रित करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि निजी उद्यमियों को मधुमक्खी के बक्सों के निर्माण का व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और विभाग इन बक्सों की गुणवत्ता की निगरानी करे।

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने कहा कि यदि हम मधुमक्खी पालन के उत्पादों पर ध्यान देंगे तो किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। उन्होंने बताया कि एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्र (आईबीडीसी), रामनगर, कुरुक्षेत्र एक अनूठा संस्थान है और हमारा लक्ष्य इसे उत्कृष्टता केंद्र बनाना है।

बागवानी विभाग के महानिदेशक डॉ. अर्जुन सिंह सैनी ने हरियाणा मधुमक्खी पालन नीति-2021 और कार्य योजना 2021-2030 पर विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया। प्रस्तुतिकरण के दौरान उन्होंने बताया कि हरियाणा देश में शहद उत्पादन में सातवें स्थान पर है। हरियाणा में 4800 मीट्रिक टन शहद का उत्पादन होता है। वर्ष 2019-2020 में देश में लगभग 1 लाख मीट्रिक टन शहद का उत्पादन हुआ। देश में उत्पादित शहद का 60 प्रतिशत, जिसकी कीमत 600 करोड़ रुपये है, का निर्यात किया जाता है।

बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि विभाग द्वारा मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहल की जाएगी, जिसके अंतर्गत हनी ट्रेड सेंटर, विलेज ऑफ एक्सीलेंस, टेस्टिंग लैब आदि की स्थापना की जाएगी।

शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी. उमाशंकर, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बी. आर. काम्बोज और महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. समर सिंह भी उपस्थित रहे।

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