ग्रामीण क्षेत्रों कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए डोर टू डोर सर्वे शुरू, 50 गावों की स्क्रीनिंग की

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-3टी- टेस्टिंग, ट्रेसिंग व ट्रीटमेंट पर ध्यान केंद्रित करते हुए किया जाएगा काम।

राज्य ,जिला व ब्लॉक थ्री लेयर मॉनिटरिंग सिस्टम से सर्वे पर रखी जाएगी निगरानी।

गुरुग्राम, 15 मई। ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान करने के लिए आज से डोर टू डोर सर्वे शुरू हो गया है। इस कार्य के लिए टीमें फील्ड में उतर चुकी है, जो घर-घर जाकर कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान करने के लिए कार्य करेंगी। आज इन टीमों ने जिला के 50 गांवों में जाकर डोर टू डोर स्क्रीनिंग करते हुए काम किया। इस सर्वे कार्य की लेयर मॉनिटरिंग राज्य, जिला व ब्लाक स्तर पर की जाएगी।

इस बारे में जानकारी देते हुए उपायुक्त डॉ यश गर्ग ने बताया कि ग्रामीण स्तर पर फील्ड में सर्वे करने वाली टीम के सदस्यों में आशा वर्कर ,आंगनवाड़ी वर्कर, स्कूल का अध्यापक, ग्राम सचिव तथा एंटीजन टेस्टिंग सैंपल लेने वाला सदस्य शामिल होगा। यह टीम घर घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग करेगी व उनसे परिवार के सदस्यों के बारे में जानकारी प्राप्त करेगी कि क्या उनके घर में किसी को कोरोना के लक्षण जैसे सिर दर्द, बुखार ,सुखी खासी, बदन दर्द आदि है या नहीं। इस दौरान कोरोना संक्रमण के लक्षण वाले मरीजों की मौके पर ही सैंपलिंग ली जाएगी। यदि व्यक्ति पॉजिटिव पाया जाता है तो उसके घर में होम आइसोलेशन संबंधी आवश्यक इंतजाम सुनिश्चित किए जाएंगे अथवा गांव में बनाए गए आइसोलेशन केंद्रों में शिफ्ट किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस कार्य की मॉनिटरिंग के लिए ब्लॉक व जिला स्तर पर कमेटी का गठन किया गया है।

उपायुक्त ने कहा कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में शहर के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशानुसार जिला प्रशासन ने विषय की गंभीरता को समझते हुए ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक्शन प्लान बना कर उस पर काम करना शुरू कर दिया है। ग्रामीणों की सुविधा को देखते हुए कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए गांव में ही आइसोलेशन सेंटर बनाए गए हैं जहां उन्हें आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाएंगी। इसके लिए जिला की 164 ग्राम पंचायतों में इमारतों की पहचान की गई है जहां यह आइसोलेशन केंद्र खोले जाएंगे। इन आइसोलेशन सेंटरो में स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग द्वारा एकजुटता से काम किया जा रहा है।

उपायुक्त ने बताया कि आइसोलेशन सैंटर बनाने को लेकर पंचायतों को गांवो की आबादी के अनुसार ग्रांट भी दी जाएगी। जिन गांवो की आबादी 10 हजार से कम है , उन्हें 10 हजार रूपये तथा जिनकी जनसंख्या 10 हजार से अधिक है, उन्हें 50 हजार रूप्ये की ग्रांट दी जाएगी । उन्होंने कहा कि गांवो में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए वहीं गांव में इसके उपचार की व्यवस्था की जानी अत्यंत आवश्यक है। इसी उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा पंचायतों को फंड मुहैया करवाया जा रहा है।

उपायुक्त ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि वे कोरोना संक्रमण संबंधी लक्षण होने पर तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर संपर्क करके अपना सैंपल दें और टेस्ट करवाएं । रिपोर्ट आने तक अपने घर में ही परिवार के बाकी सदस्यों से अलग रहें । ऐसा नही करने पर वे अपने परिजनों के जीवन को भी खतरे में डाल सकते हैं, इसलिए वे इस बात का विशेष ध्यान रखें कि संक्रमण ना फैले। लोग भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें और फेस मास्क का प्रयोग अवश्य करें।

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