चंडीगढ़, 23 अप्रैल – हरियाणा में भूजल स्तर को सही बनाए रखने तथा जल संकट से निपटने के उद्देश्य से गठित ‘हरियाणा वॉटर रिसोर्सिज अथोरिटी’ की प्रथम बैठक आज अथोरिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. सतबीर सिंह कादयान की अध्यक्षता में हुई। अथोरिटी की चेयरपर्सन केशनी आनंद अरोड़ा वीडियो कान्फ्रैंसिंग के माध्यम से बैठक से जुड़ी। इस अवसर पर बैठक में अथोरिटी के सदस्य डी.पी बैनीवाल, मुखत्यार सिंह लांबा,लीगल एडवाइजर परवीन जैन व टैक्रीकल कन्सलटेंट अनिल भाटिया भी उपस्थित थे।
बैठक में उन आवेदनों की समीक्षा की गई जो कि भूजल निकालने के लिए राज्य सरकार के पास अनुमति के लिए आए हुए थे। एमएसएमई के तहत आने वाले ऐसे उद्योगों के लिए प्रारूप बनाने की तैयारी बारे चर्चा हुई, जिनको प्रतिदिन 10 किलोलीटर से कम पानी की आवश्यकता होती है। इनके अलावा, 100-500 किलोलीटर व इससे अधिक क्षमता बारे प्रारूप बनाने व खारा पानी के उपयोग के लिए नीति बनाने व दरें निर्धारित करने पर भी इस बैठक में चर्चा की गई।
इस अवसर पर केंद्रीय भूजल बोर्ड अथोरिटी के आवेदनों को ‘हरियाणा वॉटर रिसोर्सिज अथोरिटी’ के साथ लिंक करने, जल संसाधनों से संबंधित विशेष मुद्दों को सुलझाने के लिए विभिन्न सलाहकार समिति गठित करने के अतिरिक्त राज्य में जलभराव पर प्रभावी नियंत्रण के लिए प्रबंध-योजना तैयार करने के लिए बैठक में विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। यही नहीं प्रदेश में जल-संसाधनों का सतत विकास एवं संरक्षण करने के लिए भी ‘राज्य जल प्रबंधन योजना’ बनाने के लिए भी बैठक में सघन विचार हुआ।