नई दिल्ली। बेहतर वायु गुणवत्ता सुनिश्चित करने के प्रयासों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की 50 टीमों को 15 अक्टूबर, 2020 से 28 फरवरी, 2021 के दौरान विभिन्न इलाकों का व्यापक दौरा करने के लिए तैनात किया जाएगा। ये टीमें दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के शहरों – उत्तर प्रदेश के नोएडा, गाजियाबाद तथा मेरठ; हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद, बल्लभगढ़, झज्जर, पानीपत तथा सोनीपत; और राजस्थान के भिवाड़ी, अलवर तथा भरतपुर का दौरा करेंगी। ये दल विशेष रूप से उन इलाकों पर ध्यान केंद्रित करेंगे जहां वायु प्रदूषण की समस्या बढ़ जाती है।
समुचित नियंत्रणकारी उपायों के बिना व्यापक निर्माण कार्यों, कचरे और निर्माण सामग्री से जुड़े कचरे को सड़कों पर, खुले भूखंडों में, कच्ची सड़कों पर फेंकने, कचरा/औद्योगिक कचरे के खुले में जलाने आदि जैसे वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों की मौके पर रिपोर्टिंग समीर ऐप्प का उपयोग करके की जायेगी।
त्वरित कार्रवाई के लिए प्रदूषणकारी गतिविधियों से संबंधित जानकारी एक स्वचालित प्रणाली के जरिए संबंधित एजेंसियों के साथ साझा की जाएगी। ये विवरण राज्य सरकारों के साथ भी साझा किए जायेंगे। इससे संबद्ध एजेंसियों को समय पर कार्रवाई और उपयुक्त स्तरों पर निगरानी करने में मदद मिलेगी।
घंटे दर घंटे के आधार पर प्रदूषण के स्तर पर नज़र रखने और राज्य एजेंसियों के साथ समग्र समन्वय के लिए सीपीसीबी मुख्यालय में एक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष बनाया गया है। इसके अलावा, इन टीमों के साथ बेहतर प्रबंधन और समन्वय के लिए जिलेवार नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
सर्दियों के मौसम में दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु की गुणवत्ता पर्यावरण से जुड़ी एक प्रमुख चिंता है। इन इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए पिछले पांच वर्षों से विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। यह सही है कि धीरे-धीरे हवा की गुणवत्ता में साल दर साल सुधार आता गया है, लेकिन अब भी बहुत कुछ करने की जरूरत है।