नई दिल्ली : कोविड-19 के लिए वैक्सीन प्रबंधन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह की आज (12 अगस्त) पहली बार बैठक हुई। इस बैठक की अध्यक्षता नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. पॉल ने की और सचिव, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय इसके सह-अध्यक्ष थे।
कोविड-19 के लिए विशेषज्ञ समूह ने माल-सूची प्रबंधन के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचे के निर्माण और विशेष रूप से अंतिम छोर तक आपूर्ति के साथ टीकाकरण प्रक्रिया पर नजर रखने समेत इस वैक्सीन के आपूर्ति तंत्र के लिए अवधारणा और कार्यान्वयन तंत्र के बारे में विचार-विमर्श किया। उन्होंने देश के लिए कोविड-19 वैक्सीन के उम्मीदवारों के चयन के लिए व्यापक मानदंडों पर विचार-विमर्श किया और टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी परामर्श समूह (एनटीएजीआई) की स्थायी तकनीकी उप-समिति से सहयोग मांगा। इस समूह ने टीकाकरण के लिए जनसंख्या समूहों की प्राथमिकता के लिए मार्गदर्शक सिद्धांतों के साथ-साथ स्वदेशी और अंतर्राष्ट्रीय विनिर्माण सहित कोविड-19 वैक्सीन के खरीददारी तंत्र पर गहन विचार किया।
विशेषज्ञ समूह ने कोविड-19 वैक्सीन की खरीददारी के लिए अपेक्षित वित्तीय संसाधनों और इसके वित्तपोषण के लिए विभिन्न विकल्पों के बारे में चर्चा की। कोविड-19 टीकाकरण शुरू करने के लिए आपूर्ति मंच,कोल्ड चैन और सहायक बुनियादी ढांचे के रूप में उपलब्ध विकल्पों पर भी विचार-विमर्श किया गया। इसके अलावा वैक्सीन के न्यायसंगत और पारदर्शी वितरण को सुनिश्चित कराने के लिए सभी संभावित परिदृश्यों पर रणनीति और अनुवर्ती कार्रवाई के बारे में चर्चा की गई। वैक्सीन सुरक्षा और निगरानी से संबंधित मुद्दों को भी उठाया गया और पारदर्शी जानकारी और जागरूकता निर्माण के माध्यम से सामुदायिक भागीदारी के बारे में भी विचार-विमर्श किया गया।
अपने प्रमुख पड़ोसियों और विकास भागीदार देशों को कोविड-19 वैक्सीन के लिए भारत की सहायता के बारे में भी विचार-विमर्श किया गया। विशेषज्ञ समूह ने यह भी विचार-विमर्श किया कि भारत घरेलू वैक्सीन विनिर्माण क्षमता का भी लाभ उठाएगा और सभी अंतर्राष्ट्रीय दिग्गजों के साथ न केवल भारत में बल्कि कम और मध्यम आय वाले देशों के लिए भी वैक्सीन की शीघ्र आपूर्ति में शामिल होगा।
समिति ने सभी राज्यों को सलाह दी है कि वे वैक्सीन की खरीददारी के लिए अलग मार्ग न अपनाए।