कानपुर, 11 जुलाई। सामान्य आदमी अगर दो लाख रुपए अघोषित रूप से जमा कर दे तो आयकर विभाग का नोटिस पहुंच जाता है और छोटा सा जमीन का टुकड़ा बेचकर देखिए। बरसों बाद भी कैपिटल गेन का नोटिस आ जाएगा लेकिन विकास दुबे ने केवल एक बैंक खाते से करोड़ों रुपए का लेनदेन कर रहा था और आयकर विभाग को खबर तक नहीं लगी। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तारी के बाद जब यूपी पुलिस विकास दुबे को लेकर आ रही थी तो कानपुर में हुए एक्सीडेंट के बाद पुलिस ने उसे एनकाउंटर में मार गिराया।
प्रवर्तन निदेशालय ने कानुपर पुलिस से गैंगस्टर विकास दुबे, उनके परिवार और करीबी सहयोगियों की चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा मांगा है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, विकास दुबे के एक सहयोगी ने दुबई और थाईलैंड में पेंटहाउस खरीदे थे जिसकी कीमत 30 करोड़ रुपए है। विकास दुबे ने पिछले तीन सालों में 14 देशों का यात्रा की। हाल ही में उसने लखनऊ में एक घर खरीदा है जिसकी कीमत 20 करोड़ रुपए से ऊपर है।
इसके अलावा कानपुर के अंदर ब्रह्मनगर में छह मकान, आर्यनगर के एक अपार्टमेंट में आठ फ्लैट और पनकी में एक ड्यूप्लैक्स कोठी की जानकारी मिल चुकी है। इनकी अनुमानित कीमत 28 करोड़ रुपए बताई जा रही है। विकास और उसके सहयोगी के बीच बैंक के जरिए लेनदेन के ठोस सबूत मिल चुके हैं। इसके बावजूद आयकर विभाग को खबर नहीं लगी जबकि प्रदेश में बेनामी विंग की शाखा केवल कानपुर में है।
ईडी ने 7 जुलाई को कानपुर पुलिस को दिए एक शासकीय सूचना में विकास दुबे, उनके परिवार के सदस्यों और सहयोगियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 के प्रावधानों के तहत अचल और चल संपत्ति का विवरण एकत्र करने के निर्देश देने का आदेश दिया था। इसके अलावा ईडी ने इन सबके खिलाफ आपराधिक मामलों पर विवरण भी मांगा है।