नयी दिल्ली, चार अप्रैल। केंद्र सरकार ने अपने तीन दिन पुराने आदेश में संशोधन करते हुए जम्मू-कश्मीर में सभी नौकरियां केंद्रशासित प्रदेश के मूल निवासियों के लिए आरक्षित कर दी हैं।
जम्मू-कश्मीर के मूल निवासी वे लोग माने जाएंगे जो वहां कम से कम 15 साल से रह रहे हैं।
मूल निवासियों के लिए नियम बनाते हुए, बुधवार को सरकार ने समूह चार तक के लिए ही नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान किया था।
हालांकि, स्थानीय राजनीतिक दलों की ओर से तीखी प्रतिक्रिया मिलने के बाद शुक्रवार रात एक संशोधित गजट अधिसूचना जारी की गई जिसमें सभी सरकारी पदों को केंद्रशासित प्रदेश के मूल निवासियों के लिए आरक्षित कर दिया गया।
यह अधिसूचना -जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (राज्य कानूनों का अनुकूलन) आदेश-2020 शीर्षक से जारी की गई।
संशोधित अधिसूचना में कहा गया है, “कोई भी व्यक्ति जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश के तहत किसी भी पद पर नियुक्ति के लिए निहित अर्हताओं को पूरा करता हो, वह जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए।”
अधिसूचना के एक हिस्से संशोधित जम्मू-कश्मीर सिविल सेवा (विकेंद्रीकरण एवं नियुक्ति) कानून में कहा गया, “जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश का मूल निवासी नहीं होने पर कोई भी व्यक्ति किसी पद पर नियुक्ति का पात्र नहीं होगा।”
एक अप्रैल की अधिसूचना में, सरकारी नौकरियों को केवल समूह चार तक के लिए आरक्षित किया गया था।