गुरूग्राम, 25 दिसंबर। आम जनमानस को समयबद्ध तरीके से नागरिक केन्द्रित सेवाएं प्रदान करने के लिए जिला में ई गर्वनेंस के तहत शुरू किए गए सरल केन्द्र लोगों में लोकप्रिय होते जा रहे हैं और इनमें प्रतिदिन एक हजार से अधिक लोग सरकारी सेवाएं प्राप्त करने के लिए पहुँच रहे हैं। जिला में सरल केन्द्र शुरू होने से अब तक 16 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं।
गुरूग्राम जिला चुंकि हरियाणा प्रदेश में आईटी हब के रूप में विख्यात है और ई-गर्वेनेंस में आईटी का अहम योगदान है। गुरूग्राम के उपायुक्त अमित खत्री के अनुसार गुरूग्राम में लोग ऑनलाइन सेवाओं का लाभ लेने में ज्यादा विश्वास रखते हैं और वे घर बैठे ही सरकार के ई-गर्वनेंस इनीशियेटिव का लाभ उठा रहे हैं। अपने घर से सरकारी सेवाओं का लाभ लेने वालों के अलावा काफी संख्या में लोग अंतोदय सरल केन्द्रों में आकर नागरिक केन्द्रित सेवाएं प्राप्त कर रहे हैं। जिला में बने सरल केन्द्रों में प्रतिदिन एक हजार से ज्यादा लोग पहुंचकर सरकारी सेवाओं का आॅनलाइन लाभ ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि लोगों को उनके घर के नजदीक ही सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं तथा सेवाएं प्राप्त हों। इसके लिए जहां गुरूग्राम जिला मुख्यालय पर अंत्योदय सरल केन्द्र भवन खोला हुआ है वहीं एसडीएम आॅफिस तथा तहसील कार्यालयों के साथ भी सरल केन्द्र बने हुए हैं। इनके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रो में अटल सेवा केन्द्रो के माध्यम से भी नागरिक सुविधाएं व सेवाएं दी जा रही है।
आंकड़े देते हुए श्री खत्री ने बताया कि ऑनलाइन आवेदनो में सबसे ज्यादा 9 लाख 59 हजार 242 आवेदन ट्रांसपोर्ट विभाग की 22 सेवाओ के लिए प्राप्त हुए । इसी प्रकार, राजस्व विभाग की 25 सेवाओं के लिए 196955 आवेदन , दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम की 11 सेवाओं के लिए 173111 आवेदन , हैल्थ सर्विसिज की 8सेवाआंे के लिए 47799 , खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की 11 सेवाओं के लिए 88028 , शहरी स्थानीय निकाय की 20 सेवाओं के लिए 22227 आवेदन , हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की 52 सेवाओं के लिए 30997 आवेदन , सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की 13 सेवाओं के लिए 27707 आवेदन प्राप्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि ज्यादातर आवेदनों का निपटारा राइट टू सर्विस एक्ट में दी गई अवधि के अंदर ही किया जा रहा है। श्री खत्री ने बताया कि हर महीने सरल पोर्टल पर मिलने वाले आवेदनों पर विभागों द्वारा की गई कार्यवाही की समीक्षा मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी परियोजना के प्रौजेक्ट डायरेक्टर डा. राकेश गुप्ता द्वारा की जाती है और मुख्यालय पर प्रत्येक विभाग तथा जिला की प्रगति के आधार पर रैंकिंग की जाती है।
हरियाणा सरकार के ई गर्वनेंस के इन प्रयासों को केन्द्र सरकार द्वारा भी मान्यता दी गई है, जिसके लिए हरियाणा को केन्द्रीय प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग द्वारा ई-गर्वनेंस के लिए 23वें राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में 7 और 8 फरवरी को मुम्बई में आयोजित किए जा रहे कार्यक्रम में सम्मानित किया जाएगा। ‘नागरिक-केंद्रित वितरण प्रदान करने में उत्कृष्टता’ की श्रेणी में ‘गोल्ड अवार्ड’ के लिए हरियाणा में लागू की जा रही अंत्योदय सरल परियोजना को चुना गया है।
हरियाणा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने के लिए नागरिक-केंद्रित सेवाओं के वितरण हेतु कैशलेस, पेपरलेस और फेसलेस तंत्र लगाने की प्रक्रियाओं को और बेहतर बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। इस कड़ी में अंत्योदय सरल परियोजना ने न केवल भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने, दक्षता में सुधार और सेवाओं की परेशानी से मुक्त वितरण सुनिश्चित करने में मदद की है, बल्कि हरियाणा को सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के क्षेत्र में एक नई पहचान भी दिलाई है।
श्री खत्री ने बताया कि अंत्योदय सरल के लागू होने के बाद प्राप्त आवेदनों में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और 2018 के मध्य से 2019 के मध्य तक प्रक्रियाओं या कार्यवाहियों के समय में 16 प्रतिशत की कमी आई है और आने वाले महीनों में और सकारात्मक बदलाव की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक वर्ष हरियाणा में लगभग 1 करोड़ आवेदन ऑनलाइन प्राप्त होते हैं और अंत्योदय सरल मंच के माध्यम से 70 लाख से अधिक प्राप्त होते हैं। अंत्योदय सरल हेल्पलाइन (1800-2000-023) के माध्यम से हर महीने योजनाओं और सेवाओं के बारे में प्रदेश में 1 लाख से अधिक प्रश्नों और शिकायतों का समाधान किया जा रहा है।
श्री खत्री ने कहा कि अंत्योदय सरल के प्रमुख उद्देश्यों में एक एकीकृत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सभी योजनाओं और सेवाओं को लाना, जिला, उप-मंडल और तहसील स्तर पर अत्याधुनिक नागरिक सेवा वितरण केंद्रों की स्थापना करना, अटल सेवा केंद्र (सीएससी), पर सभी योजनाओं और सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना शामिल है और यह सुनिश्चित करते हुए कि योजनाएं और सेवाएं राज्य के लोगों तक पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से पहुंचाई जाएं।
श्री खत्री ने कहा कि अब सरकारी सेवाएं राइट टू सर्विस एक्ट में निर्धारित समय अवधि में लोगों को उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। समय समय पर विभागों के कार्यों की समीक्षा की जाती है और उसमें अच्छा प्रदर्शन करने वाले विभागों के अधिकारियों को शाबाशी देने के साथ खराब प्रदर्शन करने वालों को और ज्यादा मेहनत करने की हिदायत दी जाती है। मूल्यांकन की इस प्रक्रिया से अधिकारीगण अपने काम के प्रति सचेत रहते हैं।