मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा में बुधवार को शक्ति परीक्षण करवाने के उच्चतम न्यायालय के आदेश का शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने स्वागत किया और कहा कि सचाई की जीत होगी और भाजपा पराजित होगी।
वहीं दूसरी ओर, न्यायालय के आदेश के बाद भाजपा ने कहा कि वह इस फैसले का सम्मान करती है तथा उसे सदन में बहुमत साबित करने का पूरा भरोसा है।
राकांपा प्रमुख शरद पवार ने संवैधानिक सिद्धांतों को बरकरार रखने के लिए शीर्ष अदालत के फैसले को सराहा।
पवार ने ट्वीट किया, “मैं लोकतांत्रिक मूल्यों एवं संवैधानिक सिद्धातों को बरकरार रखने के लिए माननीय उच्चतम न्यायालय का आभारी हूं। यह खुशी की बात है कि महाराष्ट्र पर फैसला संविधान दिवस के मौके पर आया जो भारत रत्न डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर को एक श्रद्धांजलि है।”
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि सच को हराया नहीं जा सकता।
राउत ने ट्वीट किया, “सत्यमेव जयते।”
राज्यसभा सदस्य राउत ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “सत्य परेशान हो सकता है..पराजित नहीं हो सकता…..जय हिंद।”
शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिवसेना नीत गठबंधन के पास 162 विधायकों का समर्थन है और वह महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत साबित कर सकते हैं।
राकांपा के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने भी उच्चतम न्यायालय के फैसले की प्रशंसा की।
उन्होंने ट्वीट किया, “सत्यमेव जयते, भाजपा का खेल खत्म।”
कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई ने ट्वीट किया, ‘‘हम माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं। लोकतंत्र में संविधान सर्वोपरि है और धन तथा बाहुबल से कहीं अधिक शक्तिशाली है। हम 162 हैं।’’
महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने संवाददाताओं से कहा,‘‘न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हैं, हम बहुमत साबित करने के लिए तैयार हैं, हम यह करके दिखाएंगे।’’
उन्होंने कहा कि मंगलवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता बैठक करेंगे और शक्ति परीक्षण से पहले रणनीति पर विचार करेंगे।
उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल को निर्देश दिया कि वह 27 नवंबर को राज्य विधानसभा में शक्ति परीक्षण सुनिश्चित करें।
अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को बुधवार को विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा।
शीर्ष अदालत ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को निर्देश दिया कि वह यह भी सुनिश्चित करें कि सदन के सभी निर्वाचित सदस्य बुधवार को ही शपथ ग्रहण करें।
न्यायालय ने कहा कि समूची प्रक्रिया पांच बजे तक पूरी हो जानी चाहिए।
न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा में शक्ति परीक्षण के दौरान गुप्त मतदान नहीं हो और विधानसभा की पूरी कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया जाए।
महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को सत्ता में काबिज रहने के लिए 145 विधायकों का समर्थन साबित करना होगा।
उल्लेखनीय है कि भाजपा-शिवसेना गठबंधन ने पिछले महीने हुए राज्य विधानसभा चुनाव में क्रमश: 105 और 56 सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत हासिल किया था।
हालांकि, शिवसेना की मुख्यमंत्री पद की मांग भाजपा द्वारा ठुकराए जाने के बाद यह गठबंधन टूट गया।
राकांपा और कांग्रेस ने 21 अक्टूबर को हुए चुनाव में क्रमश: 54 और 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी।