फरीदाबाद। 1 सितंबर से संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद चालान की राशि में बड़ी बढ़ोतरी हुई है। देश की तमाम जगहों से नियम तोड़ने पर जुर्माने की खबरें आ रही है। कई जगह 50 हजार रुपये तक का चालान भी काटा गया है। इस बीच कुछ जगहों पर लोगों के साथ पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार की खबरें भी सामने आ रही हैं। ऐसे में वाहन मालिकों के भी कुछ अधिकार है। एक आरटीआई से इसके संबंध में बड़ी जानकारी सामने आई है।
सड़क पर कोई भी वाहन चालक चैकिंग के दौरान पुलिसकर्मी के साथ बातचीत की वीडियो रिकॉर्डिंग कर सकता है। इस दौरान मोबाइल कैमरे का इस्तेमाल भी कर सकता है। पुलिसकर्मी को उस वाहन चालक का फोन और कैमरा आदि छीनने और तोड़ने का अधिकार नहीं है। एक आरटीआई के जवाब में हरियाणा पुलिस ने ये जानकारी दी है। दरअसल फरीदाबाद निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट अनुभव सुखीजा ने वाहन चालकों के अधिकार को लेकर हरियाणा पुलिस में एक आरटीआई दाखिल की।
पुलिस ने बताया कि वाहन चलाते समय अगर किसी चालक के पास ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट आदि नहीं है तो वाहन चालक मोबाइल पर पुलिसकर्मी को कागजात दिखा सकता है। वाहन चलाते समय गाड़ी में हॉकी, क्रिकेट बैट, विकेट आदि सामान रखने पर कोई पाबंदी नहीं है, लेकिन अवैध हथियार रखना दंडनीय अपराध है।
पुलिस ने आगे बताया है कि वाहन चलाते समय चालक व चालक के साथ बराबर में बैठे व्यक्ति के लिए सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य है। लेकिन अगर कोई महिला गर्भवती है या चोट आदि है तो मानवता के आधार पर उन्हें सीट बेल्ट से छूट मिल सकती है।
पुलिसकर्मी किसी भी वाहन को इशारा करके रोक सकता है, चैकिंग कर सकता है। अगर कोई वाहन चालक पुलिसकर्मी द्वारा रुकने के इशारे देने के बावजूद अपना वाहन नहीं रोकता है तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई का अधिकार है। लेकिन पुलिसकर्मी किसी व्यक्ति को न तो गाली दे सकता है और न मारपीट कर सकता है।